बालसन चौराहे पर हाथाें में तख्तियां लेकर प्रदर्शन करते कार्यकर्ता।
गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सदन में डॉ. अंबेडकर को लेकर दिए गए बयान से आक्रोशित आइसा कार्यकर्ताओं ने आज बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया। आनंद भवन से पैदल मार्च करते हुए, नारेबाजी करते बालसन चौराहे तक पहुंचे। उन्हें रोकने के लिए पुलिस प्रयास करती रही लेक
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मंगलवार को गृह मंत्री ने कहा था कि “डॉ अंबेडकर का नाम लेना एक फ़ैशन हो गया है, अंबेडकर अंबेडकर…. इतना अगर नाम भगवान के लिए होते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता” इसके बयान के विरोध में कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। गृह मंत्री द्वारा माफी मांगने की मांग की गई।
बालसन चौराहे पर गांधी प्रतिमा के समक्ष सभा करते कार्यकर्ता।
“डॉ. अंबेडकर ने वंचित समाज को दिलाया था अधिकार”
अमित शाह के बयान का विरोध करते हुए कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मनीष कुमार ने अमित शाह के इस्तीफा तथा माफी मांगने की मांग की। अध्यक्ष साक्षी मिश्रा ने कहा, डॉ. अंबेडकर ने इस देश की महिलाओं अल्पसंख्यकों और वंचित तबको की हक और अधिकार दिलाने के साथ इस देश के संविधान निर्माण कर भारतीय समाज को लोकतांत्रिक बनाने का काम किए हैं ऐसे में अंबेडकर का नाम जाहिर तौर पर बार-बार लिया जाना चाहिए जिससे तानाशाह अमित शाह को तकलीफ हो रही है यह साथ तौर पर उनके अंदर मनुस्मृति के प्रति प्रेम को दर्शाता है जो शर्मनाक है।
छात्र राज कौशल ने कहा कि डॉ आंबेडकर के समतामूलक समाज के खिलाफ वर्णआश्रम और जाति व्यवस्था को मजबूत करने वाली सोच के साथ अमित शाह डॉ. अंबेडकर के नाम लेने से घृणा कर रहे हैं जो शर्मनाक है। स्नातक के छात्र अमित ने अपनी बात करते हुए कहा कि लगातार शिक्षा पर बढ़ते हमने बढ़ती महंगाई और पूरे देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश के तहत भाजपा और उसकी राजनीति समतामूलक नायकों को अपमानित करने की कोशिश कर रही है।
अपनी बात रखते हुए कॉमरेड विवेक ने कहा कि भारतीय संविधान को नहीं मानने वाले भाजपा के लोग हमेशा से डॉक्टर अंबेडकर का अपमान करते रहे हैं। मार्च और सभा में रतन, राहुल, भानु, शिवानी और आर्यन समेत दर्जनों छात्र छात्राएं मौजूद रहे।