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नई दिल्ली6 मिनट पहले
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ONGC- NTPC मिलकर रिन्यूएबल एनर्जी फर्म आयाना की 100% हिस्सेदारी खरीदेंगी। कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने मंगलवार (11 मार्च) को इसकी मंजूरी दी है। ये खरीदारी 19,500 करोड़ रुपए में की जाएगी। आयाना रिन्यूएबल पावर प्राइवेट लिमिटेड में ONGC और NTPC की 50-50% हिस्सेदारी होगी।
दोनों कंपनियों ने पिछले महीने आयाना को खरीदने की डील की थी। ये डील ONGC- NTPC और आयाना के वर्तमान शेयरहोल्डर नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (51% हिस्सेदार), ब्रिटिश इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट पीएलसी (32% हिस्सेदार) और एवरसोर्स कैपिटल (17%) के बीच साइन की गई थी।
रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर की दूसरी सबसे बड़ी डील
ये रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर का दूसरा सबसे बड़ा सौदा है। इससे पहले अक्टूबर 2021 में अडाणी ग्रीन एनर्जी ने SB एनर्जी इंडिया को 30.52 हजार करोड़ रुपए (3.5 बिलियन डॉलर) में खरीदा था। आयाना रिन्यूएबल पावर प्राइवेट लिमिटेड के पास 4.1 गीगावाट के ऑपरेशनल और अंडर कंस्ट्रक्शन एसेट हैं।
सालाना आधार पर 17% कम हुआ ONGC का प्रॉफिट
ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 8,240 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ है। इसमें सालाना आधार पर 17% की कमी आई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 9,892 हजार करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया था। FY25 की दूसरी तिमाही में 10,273 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा (कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट) हुआ था। सालाना आधार पर इसमें 25 % की कमी आई थी।
वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में ONGC का कॉन्सोलिडेटेड ऑपरेशनल रेवेन्यू 1,58,329 करोड़ रुपए (1.58 लाख करोड़ रुपए) रहा। सालाना आधार पर यह 7.25% बढ़ा है। एक साल पहले की समान तिमाही (जुलाई-सितंबर 2023) में कंपनी ने 1,47,614 करोड़ रुपए (1.48 लाख करोड़ रुपए) का रेवेन्यू जनरेट किया था।
ONGC का भारतीय घरेलू उत्पादन में लगभग 71% का योगदान
महारत्न ONGC क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस की भारत की सबसे बड़ी कंपनी है। यह भारत के डोमेस्टिक प्रोडक्शन में लगभग 71% का योगदान करती है। ONGC इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), BPCL, HPCL और MRPL कंपनियों में रॉ-मटेरियल के तौर पर इस्तेमाल होने वाले क्रूड ऑयल का उत्पादन करती है। ये कंपनियां पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, नेफ्था और कुकिंग गैस एलपीजी जैसे पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स बनाती हैं।
ONGC की स्थापना 1960 के दशक में हुई थी। 1955 में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के तहत ऑयल एंड गैस डिविजन के रूप में ओएनजीसी की नींव रखी गई थी। कुछ महीने बाद, इसे ऑयल और नेचुरल गैस डायरेक्टरेट में बदल दिया गया। 14 अगस्त 1956 को डायरेक्टरेट को कमीशन में बदल दिया गया और इसका नाम ऑयल एंड नेचुरल गैस कमीशन रखा गया।
1994 में,ऑयल एंड नेचुरल गैस कमीशन को एक कॉर्पोरेशन में परिवर्तित कर दिया गया, और 1997 में इसे भारत सरकार ने नवरत्नों में से एक के रूप में मान्यता दी। इसके बाद, वर्ष 2010 में इसे महारत्न का दर्जा दिया गया।