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आज मासिक शिवरात्रि पर करें यह उपाय, दुश्मनों पर होगी जीत, लंका युद्ध से पहले प्रभु राम ने किया था यह काम


March Shivratri 2025 Upay: मार्च की मासिक शिवरात्रि आज है. इसे चैत्र की मासिक शिवरात्रि भी कहते हैं. हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हैं. आज मासिक शिवरात्रि पर साध्य और शुभ योग बन रहे हैं. निशिता मुहूर्त की पूजा शुभ योग में होगी. निशिता मुहूर्त में मंत्रों की सिद्धि के लिए भी पूजन करते हैं. यदि आप अपने दुश्मनों से परेशान हैं, वे आपके खिलाफ साजिशें रचते रहते हैं तो आप शिवरात्रि के दिन एक उपाय कर सकते हैं, जिससे आप उन पर हावी हो सकते हैं और उन पर जीत हासिल कर सकते हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं मार्च की मासिक शिवरात्रि के इस उपाय और शुभ मुहूर्त के बारे में.

ज्योतिषाचार्य डॉ. भार्गव के अनुसार, आज के दिन प्रदोष और मासिक शिवरात्रि का सुंदर संयोग बना है. आज ये दोनों व्रत हैं. आज आप भगवान शिव की पूजा विधि विधान से करें. उनको गंगाजल, बेलपत्र, चंदन, शहद, गाय का दूध, फल, फूल, नैवेद्य आदि अर्पित करें. उसके बाद शिव रुद्राष्टकम का पाठ करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति शिव रुद्राष्टकम पाठ करता है, उसके कार्य सफल होते हैं. वे अपने दुश्मनों पर विजय प्राप्त करता है.

लंका युद्ध से पहले प्रभु राम ने भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करके रुद्राष्टक पाठ किया था, जिससे महादेव अत्यंत खुश हुए थे. उन्होंने लंका वि​जय का आशीर्वाद दिया था. कहा जाता है कि रुद्राष्टक पाठ करने से व्यक्ति को जल्द ही उसका फल प्राप्त हो जाता है.

शिव रुद्राष्टकम
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं।
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्॥
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं।
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्॥1॥

निराकारमोङ्कारमूलं तुरीयं।
गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम्।
करालं महाकालकालं कृपालं।
गुणागारसंसारपारं नतोऽहम्॥2॥

तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं।
मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम्॥
स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा।
लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा॥3॥

चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं।
प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम्॥
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं।
प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि॥4॥

प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं।
अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं॥
त्रय: शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं।
भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम्॥5॥

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कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी।
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी॥
चिदानन्दसंदोह मोहापहारी।
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी॥6॥

न यावद् उमानाथपादारविन्दं।
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम्।।
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं।
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं॥7॥

न जानामि योगं जपं नैव पूजां।
नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम्॥
जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं।
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो ॥8॥

रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये॥
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति॥9॥

मार्च मासिक शिवरात्रि 2025 मुहूर्त और योग
चैत्र कृष्ण चतुर्दशी तिथि का शुभारंभ: आज, रात 11 बजकर 3 मिनट से
चैत्र कृष्ण चतुर्दशी तिथि का समापन: कल, शाम 7 बजकर 55 मिनट पर.
मासिक शिवरात्रि निशिता मुहूर्त: आज, देर रात 12:03 बजे से 12:49 बजे तक
साध्य योग: आज, प्रात:काल से सुबह 9 बजकर 25 मिनट तक
शुभ योग: आज, सुबह 9:25 बजे से लेकर कल प्रात: 5:57 बजे तक



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