आज गुरुवार से नवरात्रि शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ के शक्तिपीठों और देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लगी हुई है। रायपुर के मां महामाया, बस्तर के मां दंतेश्वरी, डोंगरगढ़ के मां बम्लेश्वरी मंदिर समेत तमाम मंदिरों में नवरात्रि के पहले दिन भक
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1400 साल पुरानी मां महामाया मंदिर में 10,000 से ज्यादा ज्योत जलाए गए। यहां भक्त माता से मनोकामना मांगने पहुंच रहे हैं। सुबह विशेष आरती के साथ नवरात्रि के पहले दिन की शुरुआत हो चुकी है। मंदिर में 9 दिनों तक भजनों के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिसमें देर रात तक लोग शामिल होते हैं।
रायपुर के 1400 साल पुरानी मां महामाया मंदिर में 10,000 से ज्यादा ज्योत जलाए गए।
पुरानी बस्ती महामाया मंदिर में मां महामाया का दरबार कई मायनों में खास है। एक तो यह कि गर्भगृह में मां की मूर्ति दरवाजे की सीधे नहीं दिखती। इसे लेकर कई किंवदंतियां हैं। ऐसी ही एक किवदंती के अनुसार कलचुरी वंश के राजा मोरध्वज की गलती के कारण ऐसा हुआ है।
यहां भक्त माता से मनोकामना मांगने पहुंच रहे हैं।
दंतेवाड़ा में स्थित बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के मंदिर में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ उमड़ी है। मंदिर के अंदर से लेकर गरुड़ स्तंभ और बाहर शेड तक भक्तों का तांता लगा है। दूर दराज से भक्त देवी के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के मंदिर में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ उमड़ी है।
देश के 52 शक्ति पीठों में से एक दंतेश्वरी मंदिर है। मान्यता है कि यहां देवी का दांत गिरा था। 14वीं शताब्दी में बना यह मंदिर दंतेवाड़ा में स्थित है। मां की मूर्ति काले पत्थर से तराश कर बनाई गई है। मंदिर को चार भागों में विभाजित किया गया है।
राजनांदगांव के डोंगरगढ़ में स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का ताता लगा हुआ है। आज से 9 दिन तक डोंगरगढ़ में मेला लगेगा। ऊपर मंदिर में 8100 और नीचे मंदिर में 851 आस्था के ज्योति कलस प्रज्वलित किये जाएंगे।
मां बम्लेश्वरी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का ताता लगा हुआ है।