मध्य प्रदेश आदिवासी विकास परिषद और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सेजावाड़ा में धरना दिया।
अलीराजपुर के आदिवासी क्षेत्र में अंग्रेजी शराब से बढ़ते कुपोषण को लेकर मध्य प्रदेश आदिवासी विकास परिषद और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सेजावाड़ा में धरना दिया। स्वास्थ्य सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। जिले में 72 प्रतिशत कुपोषण का प्रमुख कार
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परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष महेश पटेल ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 244 (1) का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि शराब के कारण आदिवासी कर्ज में डूब रहे हैं। वे कम दामों में अपनी जमीन बेचने को मजबूर हो रहे हैं।
डी-3 मिशन के तहत अनुसूचित क्षेत्र के गांवों में बैठकें हुईं। कलेक्टर और एसपी की मौजूदगी में अंग्रेजी शराब पर प्रतिबंध का निर्णय लिया गया। सेजावाड़ा, छकतला, उदयगढ़, कट्ठीवाड़ा और नानपुर में कई शराब दुकानें नियमों के विरुद्ध चल रही हैं। ये दुकानें स्कूल, छात्रावास, मंदिर और अंतरराष्ट्रीय मार्ग के पास हैं।
अनपी मांगों को लेकर प्रदर्श करते समाज के नेता।
आदिवासी नेताओं का कहना है कि इससे समाज को कई तरह का नुकसान हो रहा है। आदिवासी समाज परंपरागत देशी महुए की शराब और ताड़ी से परिचित है। लेकिन वे अंग्रेजी शराब के नुकसान से अनजान हैं।
अधिकारियों को ज्ञापन देते आदिवासी समाज के लोग।
महेश पटेल ने प्रशासन को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर ग्राम पंचायतों में शराब दुकानें खुलीं, तो 10 तारीख को हजारों लोग कलेक्टर कार्यालय का घेराव करेंगे। उन्होंने पेसा एक्ट और डी-3 मिशन के तहत शराब दुकानों पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग की है।