इंदौर आरटीओ भारत सीरीज के वाहन मालिकों को नोटिस भेज कर गाड़ी जब्त करने की तैयारी कर रहा है। दरअसल, भारत सीरीज (बीएच) में रजिस्टर्ड होने वाली गाडिय़ों को खरीदी के समय पूरे टैक्स के बजाय दो साल का ही टैक्स जमा करना होता है और फिर हर दो साल में टैक्स जमा
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इंदौर आरटीओ ने बताया कि बीएच सीरीज के वाहनों में देखने में आ रहा है कि वे दो साल बाद वाहन का टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं। ऐसे वाहनों के कारण शासन का बकाया टैक्स बढ़ता जा रहा है। इसे देखते हुए योजना बनाई गई है कि ऐसे वाहनों की लिस्ट तैयार कर उन्हें नोटिस जारी किए जाएंगे और टैक्स जमा न होने पर जब्ती की कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं आरटीओ में चार पहिया शाखा प्रभारी रोहित अटूट ने बताया कि बीएच सीरीज के वाहनों को हर दो साल में कीमत का 1.25 प्रतिशत टैक्स जमा करना होता है। यानी अगर वाहन की कीमत 10 लाख है तो वाहन मालिक को हर दो साल में 12500 रुपए परिवहन विभाग के वाहन पोर्टल पर जमा करना होते हैं। अगर समय पर टैक्स जमा नहीं किया जाता है तो हर दिन 100 रुपए जुर्माना लगाया जाता है।
ट्रैफिक पुलिस भी करती है कार्रवाई
अधिकारियों ने बताया कि बीएच सीरीज में वाहनों की नंबर प्लेट बीएच से शुरू होती है और उसके बाद उसकी खरीदी का वर्ष लिखा होता है। ऐसी स्थिति में 2022 और 2023 की गाडिय़ों पर ट्रैफिक पुलिस भी जांच के दौरान चेक करती है कि दो साल पूरे होने पर टैक्स जमा किया गया है या नहीं। टैक्स जमा न होने पर वाहनों को जब्त किया जाता है। इंदौर में बीएच सीरीज में एक हजार से ज्यादा वाहन रजिस्टर्ड हैं।
इंदौर में लेकर दिल्ली का टैक्स जमा कर सकते हैं
साल 2022 में सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में लगातार ट्रांसफर वाली नौकरियों में रहने वाले लोगों की सुविधा के लिए परिवहन विभाग ने भारत सीरीज (बीएच) शुरू की थी, ताकि वाहन मालिक को बार-बार राज्य बदलने पर वाहन का ट्रांसफर न करवाना पड़े, न ही अलग-अलग टैक्स भरना पड़े, क्योंकि सामान्य श्रेणी के वाहनों को एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थायी रूप से ले जाने पर ट्रांसफर करवाना पड़ता है और उसका टैक्स भी नए राज्य में जमा करना पड़ता है। इसी परेशानी से बचने के लिए बीएच सीरीज के वाहनों को बार-बार राज्य बदलने पर ट्रांसफर की जरूरत नहीं होती और टैक्स भरने के लिए हर दो साल का समय होता है। यानी अगर कोई व्यक्ति दो साल मध्यप्रदेश में है और उसके बाद उसका ट्रांसफर दिल्ली हो जाता है तो उसे दो साल बाद दिल्ली में दो साल का टैक्स जमा करना होगा।