लखनऊ15 मिनट पहले
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लखनऊ में आवास विकास परिषद के नाम पर एक बड़ी धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। धर्मराज यादव ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि राजेंद्र प्रसाद नाम का व्यक्ति खुद को आवास विकास का बाबू बताकर लोगों को झांसा दे रहा था।
राजेंद्र प्रसाद ने धर्मराज से मुलाकात आवास विकास परिषद, सेक्टर-9 के कार्यालय के बाहर की। उसने दावा किया कि वह पुराने कैंसिल हुए एलॉटमेंट दिला सकता है। 24 मई 2022 को वह धर्मराज और उनके भाई ओंकार को सेक्टर-12-बी, वृंदावन योजना में ले गया। वहां कई बंद मकान दिखाए।
राजेंद्र ने बताया कि ओबीसी के लिए 3.83 लाख, एससी के लिए 3.52 लाख और जनरल के लिए 4.82 लाख रुपये देने होंगे। उसने कहा कि यह 2008 का पुराना एलॉटमेंट है, इसलिए सारा पैसा नकद लेगा। साथ ही उपायुक्त लक्ष्मण प्रसाद से मिलकर काम कराने की बात कही।
धर्मराज ने अपने भाई ओंकार के लिए 3.83 लाख रुपये दिए। इसके अलावा उनके मित्र आकाश अग्रवाल ने 1 लाख और अभिषेक श्रीवास्तव ने 2 लाख रुपये चेक से दिए। राजेंद्र ने सभी को कांशीराम योजना, वृंदावन में अलग-अलग मकानों के फर्जी एलॉटमेंट लेटर दे दिए।
इन एलॉटमेंट लेटर को देखकर कुसुमा राजपूत और रंजना वर्मा ने भी राजेंद्र को पैसे दिए। उन्हें भी फर्जी एलॉटमेंट लेटर थमा दिए गए। मामले की शिकायत मिलने पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।