सिंहस्थ 2028 में आने वाले श्रद्धालुओं का वास्तविक आकलन जरूरी है। इसके लिए उज्जैन शहर में आने वाले सभी मार्गों से वाहनों की संख्या, श्रद्धालुओं की संख्या का आकलन शुरू किया जाए। जिससे 2028 में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का अंदाजा लगाया जा सकेगा। व्
.
शुक्रवार को प्रशासनिक संकुल भवन में प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल और अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा की अध्यक्षता में सिंहस्थ 2028 के कार्यों की समीक्षा बैठक में राजौरा ने जिला कलेक्टरों को यह निर्देश दिए।बैठक में इंदौर कमिश्नर दीपक सिंह, उज्जैन कमिश्नर संजय गुप्ता, सिंहस्थ मेला प्राधिकरण अधिकारी आशीष सिंह, कलेक्टर उज्जैन रोशन कुमार सिंह के साथ ही इंदौर और उज्जैन संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर भी उपस्थित रहे।
सभी कार्यों की लोकेशन मैपिंग होगी
सिंहस्थ 2028 के लिए हो रहे सभी निर्माण कार्यों की लोकेशन मैपिंग की जाए। उनकी मैपिंग के साथ मास्टर प्लान बनाया जाना जरूरी है। इसके लिए आज से काम शुरू कराया जाए। अपर मुख्य सचिव राजौरा ने इंदौर और उज्जैन संभाग के कलेक्टरों को निर्देश दिए कि सिंहस्थ 2028 में आने वाले श्रद्धालुओं की व्यवस्था के लिए अपने जिलों के प्लान बनाकर भेजें। जो कार्य स्वीकृत हो गए हैं उनकी गुणवत्ता की जांच करते रहें।
नर्मदा नदी पर झूला पुल के साथ एक और पुल का प्रस्ताव, महेश्वर में अहिल्या लोक
खंडवा और खरगोन जिले की समीक्षा के दौरान बताया गया कि नर्मदा नदी पर झूला पुल के साथ एक और पुल का प्रस्ताव है। महेश्वर में घाट निर्माण के साथ अहिल्या लोक भी बनाने का प्रस्ताव रखा गया है । इसी के साथ महू-महेश्वर मार्ग और मंडलेश्वर – महेश्वर मार्ग चौड़ीकरण का प्रस्ताव भी भेजा गया है। अपर मुख्य सचिव ने बैठक मे निर्देश दिए कि सभी जिले फायर स्टेशन को मजबूत करने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेज दें जिससे सभी जिलों में अग्नि सुरक्षा के व्यापक इंतजाम हो सके l