लखनऊ19 मिनट पहले
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लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के जुपिटर हॉल में उप्र सुरक्षा और सुशासन की नीति के आठ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में ‘उत्कर्ष के आठ वर्ष’ समारोह का दूसरा दिन सांस्कृतिक रंग में सराबोर रहा।कार्यक्रम की शुरुआत शक्ति श्रीवास्तव और उनकी टीम के भजन से हुई।
उन्होंने ‘आज मोहे रघुवर की सुध आई’ सहित अवध के प्रसिद्ध गीतों की प्रस्तुति दी। महेश चंद्र देवा की टीम ने ‘आठ साल बेमिसाल’ नाटक के माध्यम से सरकार की योजनाओं का प्रभाव दर्शाया। नाटक में महिला सुरक्षा और उज्जवला योजना जैसे विषयों को प्रमुखता से दिखाया गया।
कविता पाठ करते कवि।
महिला सशक्तीकरण पर काव्य पाठ किया
सोने लाल और उनकी टीम ने ‘राम नाम अति मीठा है’ जैसे भक्ति गीतों से समां बांधा। राजेन्द्र कुमार पाठक ने लोक गीतों की प्रस्तुति दी। उनके ‘बेटी को सम्मान दिलाना’ गीत पर दर्शक नाच उठे।शाम को आयोजित कवि सम्मेलन में हास्य कवि सर्वेश अस्थाना ने अपनी रचनाओं से दर्शकों को हंसाया। अशोक अग्निपथी ने महिला सशक्तीकरण पर काव्य पाठ किया। प्रमोद कुमार द्विवेदी ने देशभक्ति की कविताएं सुनाईं।
प्रतिष्ठा श्रीवास्तव बैंड ने देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी
कार्यक्रम के समापन पर मुंबई से आए प्रतिष्ठा श्रीवास्तव बैंड ने देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी। ‘वंदे मातरम्’ और ‘दिल दिया है जान भी देंगे’ गीतों पर दर्शकों ने जोरदार प्रतिक्रिया दी। इस तरह समारोह का दूसरा दिन संगीत, नाटक और कविता के साथ यादगार बन गया।