लखनऊ2 मिनट पहले
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इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने एक निराश्रित महिला के अंतिम संस्कार के मामले में गंभीर रुख अपनाया है। न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव प्रथम की खंडपीठ ने संबंधित थाना प्रभारी को शपथपत्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
मामला स्थानीय अधिवक्ता ज्योति राजपूत द्वारा दायर जनहित याचिका से जुड़ा है। याचिका में बताया गया कि उनके द्वारा उषा नामक एक बिना आश्रय की महिला को बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसे बिना उसके जानकारी के संदिग्ध परिस्थितियों में अस्पताल द्वारा डिस्चार्ज कर दिया गया।
सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि महिला की मृत्यु 22 फरवरी को हो गई थी। उसका पोस्टमार्टम 24 फरवरी को किया गया। इसके बाद नगर निगम ने 3 मार्च को उसका अंतिम संस्कार किया।
कोर्ट ने मृतक के अंतिम संस्कार में हुए विलंब और अपनाई गई प्रक्रिया पर नाराजगी व्यक्त की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने थाना प्रभारी से पूरे मामले का विस्तृत ब्यौरा मांगा है।