गोपालगंज में बुधवार सुबह 4 बजे ऑर्केस्ट्रा में काम कर रही 9 नाबालिग लड़कियों का रेस्क्यू किया गया है। ऑर्केस्ट्रा की आड़ में इनसे गंदा काम करवाया जाता था। बुधवार की सुबह 7 बजे तक राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी की और ल
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टीम ने बैकुंठपुर, मोहम्मदपुर और खोरमपुर क्षेत्र में अवैध ऑर्केस्ट्रा पर छापेमारी की। इसमें से कुछ लड़कियां अपनी गरीबी के कारण इस दलदल में आईं। कुछ लड़कियों को जबरदस्ती इसमें धकेला गया था। वहीं, कुछ लड़कियों को उनके दोस्तों ने पैसे की लालच में फंसाकर ऑर्केस्ट्रा में धकेल दिया था। लेकिन आजतक उन लड़कियों को अपने डांस का पैसा तक नहीं मिला है।
एक नाबालिग ने बताया कि
मेरा परिवार बहुत गरीब है। मेरे पिता कुछ काम नहीं करते हैं। मेरी 3 बहनें हैं, इसमें से किसी की भी शादी नहीं हुई है। मैं दूसरे नंबर पर हूं। मेरी गरीबी को देख घर के बगल में रह रही एक दीदी ने मुझसे कहा कि तुम्हें पैसा कमाना है। इसपर मैंने हां में सिर हिलाया। इसके बाद उन्होंने कहा कि तुम अगर ऑर्केस्ट्रा में डांस करोगी तो तुम्हें हर रात के 2 हजार मिलेंगे। इसपर मैं खुश हो गई। पहले तो मुझे अच्छा नहीं लगा, लेकिन घर चलाने और बड़ी बहन की शादी करवाने को लेकर मैं इस बात पर राजी हो गई। करीब 1 साल से मैं यहां पर डांस कर रही हूं लेकिन मुझे एक रुपए भी नहीं मिले हैं।
दूसरी लड़की ने बताया कि
मैं बंगाल की रहने वाली हूं। मैं अपने दोस्त के झांसे में आकर बिहार आ गई। उसने मुझसे कहा कि यहां पर डांस करोगी तो बहुत पैसे मिलेंगे। इस वजह से मैं गोपालगंज आ गई। यहां उन्होंने रेखा देवी से मुझे मिलवाया। कुछ दिनों तक मैं यहां पर आराम की, इसके बाद मेरे ऑर्केस्ट्रा संचालक ने मुझे डांस के लिए अलग-अलग जगह भेजना शुरू किया। करीब 2 महीने तक सब कुछ ठीक रहा। फिर अचानक रेखा देवी मेरे पास आई और उसने मुझे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। उसने मेरा आपत्तिजनक वीडियो बना लिया था, उसे घर भेजने की धमकी देने लगी थी। इसके बाद मैं डर गई और रेखा देवी की बातों को मानने लगी। रेखा देवी ने मुझसे सेक्स रैकेट का काम करवाया भी शुरू कर दिया। अगर मैं मना करती तो वो मुझे ब्लैकमेल करती। 1 साल तक मेरे साथ यही चलता रहा है। मुझे मेरे काम के एक रुपए भी नहीं मिले हैं।
2 दिनों तक टीम ने की रेकी
इस मामले की जानकारी आयोग के सदस्य प्रियांग कानूनगो को 6 अप्रैल को हुई। उन्होंने 6 अप्रैल को ही गोपालगंज SP को पत्र लिखा। उन्हें तुरंत कार्रवाई की सिफारिश की। इसके बाद 7 अप्रैल को एक विशेष टीम का गठन किया गया। इसमें दिल्ली से मिशन मुक्ति फाउंडेशन के निदेशक वीरेंद्र कुमार सिंह, रेस्क्यू फाउंडेशन के जांच अधिकारी अक्षय पांडे, नारायणी सेवा संस्थान के अखिलेंद्र सिंह और रेस्क्यू एंड रिलीफ फाउंडेशन (पश्चिम बंगाल) के शसिद्धांत घोष शामिल थे।
7 और 8 अप्रैल की शाम तक टीम ने पूरी तरह से रेकी की। इसके बाद 8 अप्रैल की देर रात को टीम ने छापेमारी शुरू की। इस मामले में साइबर डीएसपी अवंतिका और महिला थाना प्रभारी अलका कुमारी ने टीम को सहयोग प्रदान किया।
दो लोगों की गिरफ्तारी
छापेमारी के दौरान महमदपुर निवासी अभय पटेल और भागलपुर की रेखा देवी को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, 3 और व्यक्तियों का नाम सामने आ रहा है जिसे पुलिस तलाश कर रही है। फिलहाल, इन तीनों के बारे में पुलिस ने कोई जानकारी नहीं दी है। मुक्त कराई गई लड़कियों को पहले सदर अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए भेजा गया। इसके बाद उन्हें बाल संरक्षण गृह में सुरक्षित रखा जाएगा।
छह महीने से जबरन काम कर रही थीं लड़कियां
मानवाधिकार आयोग टीम प्रमुख वीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सभी लड़कियां पिछले 1 साल से बिना सैलरी के जबरन ऑर्केस्ट्रा में काम कर रही थीं। उन्होंने बताया कि गरीब परिवारों से आने वाली इन लड़कियों को घर के काम का लालच देकर लाया गया और फिर ऑर्केस्ट्रा में जबरन नचवाया गया।
झूठे वादों से फंसाया गया
रेस्क्यू फाउंडेशन के अक्षय पांडे ने बताया,
काउंसलिंग के दौरान कुछ लड़कियों ने हमें बताया कि उन्हें हर रात के 2 हजार वेतन मिलने का वादा किया गया था। लेकिन उन्हें 1 साल से कोई सैलरी नहीं मिली है। जब भी वे काम छोड़ने की बात करतीं तो कहा जाता कि शादी का सीजन खत्म होने के बाद तुम्हें जाने दिया जाएगा।
मामले की गंभीरता को देखते हुए कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। महिला थाना में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर पॉक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में कार्रवाई की जा रही है। टीम ने इस अभियान को ‘मिशन मुक्ति’ के तहत अंजाम दिया है।