औरंगाबाद में जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने गर्मी और लू से बचाव को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक की। समाहरणालय सभागार में आयोजित बैठक में सभी विभागों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया।
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डीएम ने सिविल सर्जन को सभी अस्पतालों में लू प्रभावित मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था करने को कहा। सभी पीएचसी में कम से कम 5 वातानुकूलित बेड की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। अस्पतालों में पेयजल, दवा, ओआरएस घोल और ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा।
आगलगी की स्थिति में प्रभावित परिवारों को तत्काल मुआवजा देने का निर्देश दिया गया।
पेयजल संकट से निपटने के लिए शहरी क्षेत्रों में वार्डवार समीक्षा की गई। टैंकर, वाटर एटीएम और पेआउ के माध्यम से पानी की आपूर्ति करने का निर्देश दिया गया। जिले में 12 हजार चापाकलों में से 1000 खराब थे, जिनमें से 468 की मरम्मत पूरी हो चुकी है। शेष चापाकलों की मरम्मत 15 दिन में पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है।
पशुओं के लिए दवा और पानी की व्यवस्था की समीक्षा की गई। आगलगी की स्थिति में प्रभावित परिवारों को तत्काल मुआवजा देने का निर्देश दिया गया। बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता आपदा, जिला परिवहन पदाधिकारी समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी बीडीओ और अंचल अधिकारी भी जुड़े।