कनाडा12 मिनट पहले
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कनाडा की पील रीजनल ने पुलिस 10 जून को एक कान्फ्रेंस में ड्रग नेटवर्क को ध्वस्त करने की जानकारी दी।
कनाडा की पील रीजनल पुलिस ने एक बड़े ड्रग नेटवर्क का खुलासा किया है। आशंका है कि इस नेटवर्क से जुड़े लोग खालिस्तान समर्थक हैं। दरअसल, कनाडा पुलिस ने प्रोजेक्ट पेलिकन नाम से एक ऑपरेशन चलाया था।
इस ऑपरेशन में फरवरी से मई के बीच 479 किलो कोकीन जब्त की गई, जिसकी कीमत 47.9 मिलियन डॉलर (लगभग 400 करोड़ रुपए) है। पुलिस ने इस मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से सात लोग भारतीय मूल के हैं, जो कनाडा में बस चुके हैं।
TOI की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस ड्रग तस्करी से मिले पैसे का इस्तेमाल कई भारत विरोधी गतिविधियों में होता था।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों पर 35 आरोप
6 जून तक मामले में गिरफ्तार गए किए भारतीय मूल के लोगों में टोरंटो के साजगित योगेंद्र राजा (31), ब्रैम्पटन के मनप्रीत सिंह (44), ब्रैम्पटन के अरविंदर पोवार (29), कैलेडन के करमजीत सिंह (36), कैलेडन के गुरतेज सिंह (36), कैम्ब्रिज के सरताज सिंह (27) और जॉर्जटाउन के शिव ओंकार सिंह (31) शामिल हैं।
इनके अलावा 2 अन्य आरोपी मिसिसॉगा के हाओ टॉमी हुइन्ह (27) और हैमिल्टन के फिलिप टेप (39) को गिरफ्तार किया गया है। कनाडाई पुलिस ने बताया कि इन सभी पर हथियार और ड्रग्स से जुड़े कुल 35 आरोप लगाए गए हैं।
पील पुलिस ने कहा, “गिरफ्तार लोगों को ब्रैम्पटन की ओंटारियो कोर्ट ऑफ जस्टिस में जमानत के लिए पेश किया गया है।” ओंटारियो के सॉलिसिटर जनरल माइकल एस. कर्जर ने कहा कि प्रोजेक्ट पेलिकन इस बात का सबूत है कि सही संसाधनों के साथ पुलिस हमारे समाज को सुरक्षित रख सकती है।
जून 2024 में, पील पुलिस ने अमेरिका-कनाडा ट्रकिंग मार्गों का इस्तेमाल करके कोकीन तस्करी अभियान की जांच शुरू की थी।
अमेरिका से कनाडा तक कमर्शियल ट्रकिंग रूट्स से कोकीन की तस्करी
TOI की एक रिपोर्ट में कनाडा की पुलिस के हवाले से बताया गया है कि, यह नेटवर्क अमेरिका से कनाडा तक कमर्शियल ट्रकिंग रूट्स का इस्तेमाल कर कोकीन की तस्करी करता था।
इसका मैक्सिकन कार्टेल्स और अमेरिका के ड्रग डिस्ट्रीब्यूटर्स से संबंध था। ड्रग तस्करी से मिले पैसे भारत विरोधी गतिविधियों, जैसे विरोध प्रदर्शन, जनमत संग्रह और हथियारों की फंडिंग के लिए इस्तेमाल हो रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI इस नेटवर्क को समर्थन दे रही थी, जो मैक्सिकन कोकीन और अफगान हेरोइन की तस्करी में शामिल था।
कोकीन जब्त करने की जानकारी देते हुए सुरक्षा अधिकारी.
फरवरी से मई 2025 के बीच जब्तियां हुईं
ये जांच जून 2024 में शुरू हुई थी। जिसमें कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी (CBSA) और अमेरिकी ड्रग इन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन की मदद से कई लोग, ट्रैकिंग कंपनियां और स्टोरेज साइट्स की पहचान की गई।
फरवरी से मई 2025 के बीच विंडसर के एंबेसडर ब्रिज पर 127 किलो और पॉइंट एडवर्ड के ब्लू वॉटर ब्रिज पर 50 किलो कोकीन जब्त की गई।
ग्रेटर टोरंटो क्षेत्र में भी कई जब्तियां हुईं, जहां कुछ लोग अवैध हथियारों के साथ पकड़े गए। कुल 479 किलो कोकीन और दो अवैध हैंड गन जब्त की गईं।
जी7 से ठीक पहले कार्रवाई हुई
कनाडा खालिस्तानियों का सबसे बड़ा अड्डा बन चुका है। इसकी वजह से पिछले कुछ समय में भारत और कनाडा के राजनीतिक संबंधों पर काफी फर्क पड़ा है।
हाल ही में कनाडा की ओर से G7 शिखर सम्मेलन की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं बुलाने की अटकलें लगाई जा रही थी।
हालांकि, कनाडा ने भारत के PM नरेंद्र मोदी को G7 में शामिल होने के लिए न्योता भेजा है। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने पीएम मोदी को फोन कर समिट के लिए बुलाया। मोदी ने X पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी थी।
अब मोदी की कनाडा यात्रा से पहले खालिस्तानियों को लेकर इतना बड़ा एक्शन लेने पर उम्मीद जताई जा रही है कि कनाडा-भारत के रिश्ते फिर से सुधार सकते हैं।
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