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कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री के सरकारी आवासों में चोरी, VIDEO: बिना पुलिस वेरिफिकेशन के ठेकेदार मजदूरों के प्रवेश पर रोक की मांग – Kapurthala News



देर रात सीसीटीवी में मुंह बांधे हुए दिखे चोर।

कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री (RCF) के सरकारी आवासों में लगातार हो रही चोरी की घटनाओं से कर्मचारियों में दहशत का माहौल है। RCF एम्प्लॉइज यूनियन ने आज इसके लिए प्रशासन की कमजोर सुरक्षा व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया है।

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25 जून की एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई है, जिसमें चोर 333-B क्वार्टर में चोरी करने घुसे है। यह क्वार्टर सेवानिवृत कर्मचारी शरणजीत सिंह का है, जिनके मकान का निर्माण अमृतसर में हो रहा है और वह वहां गए हुए थे। आधी रात के बाद साढ़े 12 बजे की घटना है।

वेस्ट कॉलोनी में पहले हुई चोरियों के बावजूद प्रशासन ने कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए। अब टाइप-III और टाइप-IV आवासों में भी चोरी की वारदातें सामने आई हैं। इनमें 329-A, B, C, 333-B और 89-B आवास शामिल हैं। चोरों ने कर्मचारियों की कीमती सामान और बचत को निशाना बनाया है।

कर्मचारी यूनियन ने प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कई सुझाव दिए थे। इन सुझावों पर या तो कोई कार्रवाई नहीं की गई या फिर कुछ समय बाद इन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। यूनियन का कहना है कि यह प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है।

ठेकेदारों के मजदूरों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग यूनियन ने मुख्य सुरक्षा आयुक्त और महाप्रबंधक से तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है। ठेकेदारों के मजदूरों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की गई है। यूनियन का कहना है कि बिना पुलिस सत्यापन और पहचान पत्र के बाहरी लोगों का RCF परिसर में आना-जाना सुरक्षा के लिए खतरा है।

प्रशासन को तुरंत यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी ठेकेदार की लेबर को बिना पूर्ण पुलिस सत्यापन और वैध पहचान पत्र के परिसर में प्रवेश न दिया जाए और न ही उन्हें आवासों में भेजा जाए। इसकी निगरानी की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की है। आरपीएफ थाने से कुछ ही दूरी पर चोरियां होना आरपीएफ की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है।

प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि RPF पेट्रोलिंग को केवल बढ़ाया ही न जाए, बल्कि उसे स्थायी और प्रभावी बनाया जाए, खासकर संवेदनशील इलाकों में RPF की जवाबदेही तय की जानी चाहिए कि वह अपने अधिकार क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करें। पिछली चोरी की घटनाओं के दोषियों का अब तक पता न चलना प्रशासन की विफलता को दर्शाता है। प्रशासन को इन सभी चोरी की घटनाओं की गहन जांच युद्धस्तर पर करानी चाहिए और दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर कड़ी से कड़ी सजा दिलानी चाहिए। जांच में हो रही देरी स्वीकार्य नहीं है और इसकी जवाबदेही भी तय की जाए।

आरसीएफ एम्पलाइज यूनियन यह स्पष्ट कर देना चाहती है कि यदि प्रशासन ने इन गंभीर मुद्दों पर तत्काल और निर्णायक कार्रवाई नहीं की और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की, तो यूनियन अपने सदस्यों के हित में आंदोलन करने पर मजबूर होगी। कर्मचारियों का धैर्य अब जवाब दे रहा है, और उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए ठोस आश्वासन चाहिए।



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