‘वो बंदा ऐसा था जो किसी से भी बात करता था तो सबको अपना मुरीद बना लेता था, मुझे तो नहीं लगता किसी की उसके साथ दुश्मनी हो सकती है। ऐसी घटना हो जाएगी, ऐसा कभी सोचा भी नहीं था। शुभम कश्मीर जाने से एक दिन पहले मिला था, उसने कहा था कि लौटने के बाद पार्टी क
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यह कहना था आतंकी घटना में मारे गए शुभम द्विवेदी के दोस्त निष्कर्ष गुप्ता, ऋषभ व राहुल सोनकर का। पहलगाम के बैसारन घाटी में हुई आतंकी घटना में मारे गए 27 लोगों में से एक कानपुर शुभम द्विवेदी ने सनिगवां के गुरु हरराय एकेडमी से 2012 में इंटर पास किया था।
शुभम की मौत से स्कूल में माहौल भी गमगीन था। शुभम की आत्मा की शांति के लिए स्कूल में दो मिनट का मौन रखा गया। दैनिक भास्कर एप टीम स्कूल पहुंची शिक्षकों के चेहरे में गम के साथ घटना के प्रति गुस्सा दिखाई दिया।
गुरु हर राय एकेडमी में चर्चा करते शुभम के टीचर्स।
बहुत होनहार था, ऐसा किसी के साथ न हो 1993 से स्कूल में कार्यरत श्याम नगर निवासी शिक्षिका मधु मिश्रा ने बताया कि वह शुभम की क्लास टीचर थीं। उन्होंने बताया कि शुभम बहुत ही शांत स्वभाव का होनहार व अनुशासित छात्र था। घटना के बारे में जानकर दिल से आह निकल आई, बहुत ही अच्छा बच्चा था वो। ऐसे होनहार बच्चे के साथ ऐसी घटना होती है तो बहुत दुख होता है।
श्याम नगर निवासी कंप्यूटर साइंस के शिक्षक मनोज कुमार तिवारी ने बताया कि वह शुभम और उसके परिवार से भली–भांति परिचित हैं। शुभम व उसका परिवार शांत स्वभाव का था, घटना के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। शुभम का चचेरा भाई सौरभ व सौमित्र ने भी स्कूल से शिक्षा ली है।
गौर हरि सिंघानिया कॉलेज ने सोशल मीडिया पर दी श्रद्धांजलि
स्कूल में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई प्रधानाचार्य मोनिका गुप्ता ने बताया कि शुभम ने 2008 में 9वीं क्लास में स्कूल में एडमिशन लिया था। मोनिका ने बताया कि शुभम पढ़ाई के साथ शुभम अन्य गतिविधियों में भी हिस्सा लेता था। बैच मेट के साथ उसका खासा लगाव था।
घटना के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। स्कूल में शुभम की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया। भरी आंखों से उन्होंने बताया कि इकलौते बेटे की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। शुभम की अंतिम यात्रा में स्कूल के लोग शामिल होंगे।
कॉलेज से डिग्री मिलने के बाद दूसरी पंक्ति में दांए से चौथे नंबर पर शुभम।
प्रोफेसर से बोला था-परिवार को छोड़ कर नहीं जाऊंगा शुभम ने कमला नगर स्थित गौरहरि सिंघानिया मैनेजमेंट कॉलेज से 2015–17 में एमबीए की डिग्री हासिल की थी। उनके प्रोफेसर देवेंद्र जायसवाल ने बताया कि शुभम के मन में कुछ हासिल करने की इच्छा थी, इसके साथ ही उसके मन में परिवार के प्रति गहरा समर्पण भाव था।
एक किस्सा याद करते हुए उन्होंने बताया कि जॉब प्लेसमेंट के दौरान उन्होंने अच्छे पैकेज में शुभम को दिल्ली, मुंबई जाने की सलाह दी थी, लेकिन उसने परिवार से दूर न जाने के कारण इनकार कर दिया था।
कॉलेज में दोस्तों से था खासा लगाव
दोस्त की शादी में मिला था शुभम, खूब किया था डांस कॉलेज में बैचमेट में रहे पीवीसी पाइप कारोबारी निष्कर्ष गुप्ता ने बताया कि शुभम से उनकी आखिरी मुलाकात एक दोस्त की शादी में हुई थी। महाराज में हुई शादी में हम लोगों ने जमकर धमाल मचाया था।
याद करते हुए निष्कर्ष ने बताया कि शुभम ने उस दिन खूब डांस किया था, उन्होंने कहा कि क्या पता था कि अब दोबारा उसका साथ नहीं मिलेगा। निष्कर्ष ने बताया कि रात 10 बजे कॉलेज के ग्रुप में सर का मैसेज आया, तो मैं शॉक्ड रह गया। पूरी रात नींद नहीं आई।
शुभम के दोस्तों ने साझा की यादगार लम्हों की तस्वीरें
ऐसे जौली नेचर वाला बंदा मिलना मुश्किल
जेके ग्रुप में कार्यरत साथी राहुल ने बताया कि उनकी 2015 में शुभम से मुलाकात हुई थी। शुभम काफी मिलनसार था, आज के समय ऐसा जौली नेचर वाला बंदा मिलना मुश्किल है। शुभम के अंदर कोई चालाकी नहीं थी, वह सबके लिए खड़ा रहता था।
इसी खूबी के कारण उसका सबके साथ बहुत अच्छा बाॅड था। शादी के बाद वह वाइफ को पूरा टाइम देता था। इससे पहले शुभम पत्नी के साथ बाली, वृंदावन गया था।