हरियाणा के रोहतक जिले में नगर निगम चुनाव को लेकर भाजपा के सामने बड़ी चुनौती रहेगी। रोहतक में 4 विधायक हैं और सभी कांग्रेस से हैं। ऐसे में सत्ता पक्ष को मेयर व पार्षद बनाने के लिए पूरा जोर लगाना होगा।
.
रोहतक नगर निगम में पहली बार चुनाव 2013 में हुए, जिसमें कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार रेणु डाबला ने जीत हासिल की। उस समय कांग्रेस की सरकार थी और सारे विधायक भी कांग्रेस के थे। इसके बाद 2018 में भाजपा के उम्मीदवार मनमोहन गोयल ने जीत हासिल की, उस समय भाजपा की सरकार थी और मनीष ग्रोवर रोहतक से विधायक व मंत्री थे।
2025 में भाजपा के सामने चुनौती 2025 में नगर निगम मेयर व पार्षदों का चुनाव भाजपा के लिए किसी जंग से कम नहीं है। रोहतक, महम, कलानौर व गढ़ी सांपला किलोई से कांग्रेस के विधायक है। ऐसे में भाजपा को अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए पूरा जोर लगाना पड़ेगा।
टिकट के लिए राजनीति ने पकड़ा जोर मेयर का चुनाव 2018 से सीधे वोटिंग से करवाया जा रहा है। इस बार भी मेयर का चुनाव जनता द्वारा मतदान से किया जाएगा। ऐसे में मेयर की टिकट हासिल करने के लिए भावी उम्मीदवारों ने पार्टी नेताओं के पास हाजरी लगानी शुरू कर दी है। ऐसे में शहर की सरकार बनाने के लिए राजनीति गर्माने लगी है।
भाजपा पार्टी सिंबल तो कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ने में संशय भाजपा ने 2018 में मेयर का चुनाव पार्टी सिंबल पर लड़ा था, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार बिना पार्टी सिंबल के चुनाव मैदान में उतरा था। इस बार भी भाजपा पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने जा रही है, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार के पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने पर अभी भी संशय है।