पूरे दिन शेयर मार्केट पर नजर बना रहे ब्रोकिंग के एक्सपर्ट।
दुनिया में शुरू हुए टैरिफ वार का सीधा असर देश के शेयर बाजार भी पड़ा है। सोमवार को देर शाम तक शहर के निवेशकों के करीब 2 हजार करोड़ रुपए डूब गए।
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भारतीय शेयर बाजार में आई जबरदस्त गिरावट से शहर के निवेशकों को अनुमानित 2 हजार करोड़ रुपए की चपत लगी है। साथ ही म्यूचल फंड में भी 1100 करोड़ का नुकसान हुआ।
10 महीने में सबसे बड़ी गिरावट अंत में, सेंसेक्स 2,226.79 अंक गिरकर 73,137.90 के स्तर पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 742.85 अंक गिरकर 22,161.60 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में 10 महीने की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली। 543 शेयरों में लगा लोअर सर्किट जबकि 3500 से ज्यादा शेयरों में गिरावट देखी गई।
कानपुर के निवेशकों का करीब दो हजार करोड़ रुपए का हुआ नुकसान।
पहले 10 मिनट में 2500 करोड़ का झटका भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को आई बड़ी गिरावट से शहर के निवेशकों को तगड़ा नुकसान हुआ है। बाजार खुलते ही बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 18 लाख करोड़ रुपये घट गया था। हालांकि दोपहर बाद निचले स्तरों से थोड़ी रिकवरी देखने को मिली जिससे निवेशकों के पोर्टफोलियो का वैल्यूएशन कुछ बढ़ा।
सेबी द्वारा जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार एनएसई के कैश सेगमेंट में कानपुर की औसत हिस्सेदारी 0.15 प्रतिशत है। वहीं बीएसई के कैश सेगमेंट में औसत हिस्सेदारी 0.08 प्रतिशत है। पहले 10 मिनट में 2500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
म्यूचल फंड में 1100 करोड़ का झटका म्यूचल फंड एक्सपर्ट प्रदीप सिन्हा ने बताया कि म्यूचल फंड में कानपुर के करीब 35000 करोड़ रुपए लगे हैं। मार्केट क्रैश के दौरान करीब 4 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई। इससे कानपुर के लोगों को करीब 1100 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इससे उबरने में करीब 3 से 6 महीने का वक्त लग सकता है।
जून 2024 में आई थी सबसे बड़ी गिरावट भारतीय शेयर बाजार में 4 जून को लोकसभा चुनावों के नतीजों के दिन बड़ी गिरावट आई थी। निफ्टी और सेंसेक्स इस दिन 5 प्रतिशत से ज्यादा गिरा था। ज्यादातर एग्जिट पोल में भाजपा की भारी जीत की भविष्यवाणी के बाद भारतीय शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए थे। 4 जून को नतीजों के दिन शेयर बाजार में भारी गिरावट आई।
शेयर मार्केट को लेकर एक्सपर्ट प्रदीप सिन्हा ने दैनिक भास्कर से बातचीत की।
क्रिप्टो करेंसी में भी बिकवाली शेयर बाजार के अलावा क्रिप्टो करेंसी में भी तेज गिरावट देखने को मिली। पिछले 24 घंटे में बिटकॉइन में करीब 7 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली वहीं एथेरियम करेंसी में 15 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है।
गिरावट के प्रमुख कारण रहे -चीन की जवाबी प्रतिक्रिया से टैरिफ वार गहराएगा -कमजोर मांग से वैश्विक मंदी का खतरा -बेरोजगारी और महंगाई में वृद्धि की आशंका -विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली
निवेश का मौका, लेकिन संभलकर केश्री ब्रोकिंग के को फाउंडर राजीव सिंह ने बताया कि किसी को भी यह अंदाजा नहीं है कि ट्रंप के टैरिफ्स से पैदा हुई यह हलचल कैसा रूप लेगी। इस उथल-पुथल के दौर में ‘वेट एंड वॉच’ सबसे अच्छा रणनीति होगी। अफवाहों से बचें और प्रतिकूल परिस्थितियों में एक्सपर्ट की मदद लें।
आने वाले दिनों में बनी रहेगी हलचल वहीं शेयर बाजार में निवेशकों के बीच डर का संकेत देने वाले वोलैटिलिटी इंडेक्स (वीआईएक्स) में सोमवार को 65.70% की तेजी दर्ज की गई जो अबतक की सबसे बड़ी तेजी है। इशारा साफ है कि आने वाले दिनों में भी बाजार में हलचल बनी रहेगी।