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Vaishakh Month 2025: वैशाख माह को सभी महीनों का राजा माना जाता है और यह भगवान विष्णु को प्रिय है. इस माह में स्नान, दान और यज्ञ करने से विशेष फल मिलता है.
जानें वैशाख माह का महत्व और दान के नियम
हाइलाइट्स
- वैशाख माह भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है.
- इस माह में स्नान, दान और यज्ञ का विशेष महत्व है.
- वैशाख में दान से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है.
Vaishakh Month 2025: अंग्रेजी की तरह वैदिक पंचांग के अनुसार हिंदी में भी 12 महीने होते हैं. सभी महीनों का राजा वैशाख माह को माना जाता है. यह माह इस जगत के पालनहार भगवान विष्णु को सबसे प्रिय है. स्कंद पुराण में इसका वर्णन मिलता है. राजा अंबरीष और नारद जी के मध्य संवाद में यह बताया गया गंगा नदी, कल्पतरु वृक्ष, गरुड़ पक्षी और वैशाख माह सर्वश्रेष्ठ है. वैशाख माह के लिए शास्त्रों में कुछ नियम और उपाय बताए गए हैं. इनका पालन करने से समस्त प्रकार के पाप कट जाते हैं. आइए वैशाख माह के महत्व को विस्तार से समझते हैं.
मासों का राजा है बैशाख : नारद जी ने राजा अमरीश को बताया की सभी 12 माह में बैशाख माह सर्वश्रेष्ठ है. वेद विद्या, कल्पतरु का वृक्ष, कामधेनु गाय, नागों में शेषनाग और गरुड़ पक्षी, स्वर्ण धातु, देवताओं में भगवान विष्णु की तरह सर्वश्रेष्ठ हैं. यह माह भगवान विष्णु को सर्वाधिक प्रिय है. इस माह में पितृ यज्ञ से लेकर दान पुण्य आदि करने से भगवान विष्णु जातक को दस हज़ार अश्वमेध यज्ञ का फल देते हैं. इस माह में व्यक्ति को स्नान करना आवश्यक बताया गया है. नारद जी ने बताया की जो व्यक्ति वैशाख माह में नित्य स्नान नहीं करता है उसे देवताओं के द्वारा दारूण श्राप दिया जाता है.
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बैशाख माह में दान का महत्व : नारद जी ने राजा अंबरीष को बताया की बैशाख माह में जल दान करने से पितर संतुष्ट हो जाते हैं. इस माह में जल दान और पंखे का दान करना अति श्रेष्ठ है. बैशाख माह में छाते का दान करने से व्यक्ति की मरणोपरांत आत्मा को शांति मिलती है और उसे नरक नहीं भोगना पड़ता है. इस माह में खड़ाऊ अथवा चप्पल का दान करने से व्यक्ति को श्री हरि के चरणों में बैकुंठ प्राप्त होता है. वैशाख माह में गरीबों में भोजन वितरण करना, अन्न का दान करना एवं समस्त भौतिक वस्तुओं के दान करने से श्री हरि की अनंत कृपा प्राप्त होती है.
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वैशाख माह सर्वश्रेष्ठ होने का कारण : वैशाख माह में ग्रहों के राजा सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में एवं चंद्रमा उच्च राशि वृषभ में होते हैं. यह संयोग साल में एक बार ही बनता है. इसके कारण ग्रह, नक्षत्र, योग, करण आदि कोई भी दोष वैशाख के माह में प्रभावी नहीं होता है. इसलिए वैशाख माह को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.