मेडिकल कॉलेज में देहदान की प्रक्रिया कराई गई।
खंडवा मेडिकल कॉलेज को बुरहानपुर निवासी एक महिला का देहदान हुआ। कॉलेज के संचालन से लेकर अब तक यह 15वां देहदान है। मृत देह 53 वर्षीय रंजना बहड़िया की थी। शहर में संचालित लायंस नेत्रदान एवं देहदान जनजागृति समिति ने इसकी प्रक्रिया कराई।
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समिति संयोजक नारायण बाहेती ने बताया कि रंजना बहड़िया शहर के पुखराज मेहता परिवार की भांजी और खिड़किया की बेटी थी। निधन के पहले उन्होंने पति मनोज बहड़िया से इच्छा जताई थी कि उनकी मृत्यु के बाद देह को मेडिकल के छात्रों की पढ़ाई के लिए दान की जाए।
डीन बोले- मृत देह विद्यार्थियों का प्रथम गुरू
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दादू ने मेडिकल के छात्रों के लिए मृत देह की आवश्यकता बताते हुए उसे विद्यार्थियों का प्रथम गुरु बताया। समिति सदस्यों ने सभी से नेत्रदान एवं देहदान के क्षेत्र में जागरूकता की अपील की। वहीं बहड़िया परिवार एवं कॉलेज स्टाफ का आभार व्यक्त किया।
नियम : 150 एमबीबीएस सीट वाले कॉलेज में 15 बॉडी जरूरी
एमसीआई के नियम अनुसार 150 एमबीबीएस सीट वाले मेडिकल कॉलेज में 15 बॉडी होना अनिवार्य है। एनोटॉमी विभाग इन बॉडी को सुरक्षित रखता है और छात्रों को मानव शरीर संरचना को समझने में मदद मिलती है।
खंडवा मेडिकल कॉलेज के एनोटॉमी विभाग के एचओडी डॉ. विनीत गोहिया के मुताबिक, यहां टैंक की क्षमता 20 बॉडी की है। लेकिन छात्रों के हिसाब से हर साल 15 बॉडी की जरूरत होती है। एक बाॅडी पर करीब 15 छात्र प्रैक्टिकल अध्ययन करते है। बॉडी की संख्या कम होने से हमें प्रैक्टिकल के दौरान छात्रों की संख्या बढ़ानी पड़ती है।