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‘गलत तरीके से कुमार पराग प्रोफेसर बनना चाहते हैं’: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. एसके शर्मा बोले- गलत जर्नल्स देकर दबाव बनाते रहे, नहीं किया तो हमला किया – Prayagraj (Allahabad) News



प्रो. एसके शर्मा।

घटना 25 मार्च की दोपहर करीब 12 बजे की है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में इंग्लिश डिपार्टमेंट के HOD प्रोफेसर एसके शर्मा पर उनके ही विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर कुमार पराग ने हमला कर दिया। उनके चेंबर में उन्हें बेरहमी से पीटा और प्रो. शर्मा बेहाेश होकर गिर पड़े

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दैनिक भास्कर से प्रोफेसर शर्मा ने पूरी बात बताई। कहा “जिस तरह से कुमार पराग ने मेरे साथ किया उससे यह तो तय है कि वह सुनियोजित तरीके से मेरे उपर हमला करने आए थे। दरअसल, वह एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर बनने के लिए फार्म अप्लाई किए थे विश्वविद्यालय में। उसमें पूरे पेपर अपलोड किए जाते हैं। विभागाध्यक्ष होने के नाते ये मेरी ड्यूटी थी कि मैं सारे कागजों काे वेरीफाई करता। जो जर्नल उन्होंने लगाया था उसे वेरीफाई करना था। वेरीफाई करने पर पता चला कि जो जर्नल उनके छपे हुए हैं वह लोकल हैं, जिसे वो इंटरनेशनल बता रहे थे। मैंने जब डाक्यूमेंट का लिंक मांगा तो वह बुरा मान गए और बहुत भद्दी-भद्दी गालियां दी। यह बात चार माह पुरानी है। तब से वह लगातार बतमीजी करते गए।

क्लॉस की टाइमिंग खुद चेंज करते रहे

डॉ. एसके शर्मा ने कहा, चार-पांच महीने से लगातार वह उग्र हो गए थे। रजिस्टर फेंकना, अपने हिसाब से क्लॉस की टाइमिंग चेंज कर देते थे, अपने हिसाब से क्लॉस से लेते थे। कहने पर विवाद करते थे। 25 मार्च को भी वही हुआ। वह ड्यूटी लीव के लिए एप्लीकेशन देकर गए थे कि उन्हें काम से देहरादून जाना है। उस फार्म में एक जगह लिखा हुआ है कि क्या आपने कोई अल्टरनेटिव व्यवस्था की है अपनी। इसमें कुमार पराग ने लिखा था कि हां हमने व्यवस्था कर दी है लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया था।

मैंने जाते समय कहा था कि वहां से आते समय अटेंडेंस सर्टिफिकेट लेकर आइएगा। लौटने पर वही सर्टिफिकेट हमने मांगा तो वह भड़क गए। इसी बात पर वह गाली गलौच करने लगे। मेरा गला पकड़कर उन्होंने ऊपर उठा लिया और किसी चीज से मेरे चेहरे पर हमला किया। यह निशान अभी भी है। मैं बेहोश होकर गिर गया, उसके बाद वह वहां से भाग निकले। जब मैं होश में आया तो मैं खुद को अस्पताल में “

मेरे जीवन में पदों की लालसा नहीं है : प्रो. शर्मा

दरअसल, प्रो. शर्मा को ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने एचओडी के पद से हटा दिया है। इस सवाल पर प्रो. शर्मा कहते हैं “मेरे जीवन में पदाें की कोई लालसा नहीं है। मैं पद के लिए काम नहीं करता। मैं अपना देहदान कर चुका है। मेरे पास पढ़ने लिखने का बहुत काम है। इस घटना से मैं बहुत आहत हूं। बाकी जांच चल रही है, उम्मीद है कि निष्पक्ष जांच होगी।



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