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चाय बेचने वाले परिवार को मिलेगा 37 लाख का मुआवजा: कोर्ट ने अंतिम संस्कार का खर्च भी जोड़ा; ड्राइवर की लापरवाही से मुखिया की हुई थी मौत – Indore News


ड्राइवर की लापरवाही से बस से गिरकर गोपाल जायसवाल की मौत हो गई थी।

सड़क दुर्घटना में एक चायवाले की मौत के मामले में जिला कोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी को उसके परिवार को 37 लाख रुपए क्लेम राशि देने का आदेश दिया है। कंपनी को यह राशि ब्याज सहित 37 लाख रुपये चुकानी होगी। खास बात यह है कि केस में दस्तावेजी और मौखिक साक्ष्यों

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पहले जानिए क्या है मामला

मामला त्रिवेणी नगर, चितावद निवासी गोपाल जायसवाल (49) का है। 21 फरवरी 2023 को वे अपने दोस्त जितेंद्र के साथ बस से बड़वाह जा रहे थे। इस दौरान बस ड्राइवर ने तेज रफ्तार में अचानक टर्न लिया, जिससे दरवाजे के पास खड़े गोपाल सड़क पर गिर गए। दुर्घटना में उन्हें गंभीर चोटें आईं। उन्हें तत्काल एमवाय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

एक माह बाद परिवार ने क्लेम केस दायर किया

गोपाल जायसवाल के परिवार में पिता, पत्नी ममता और 19 साल का बेटा विकास हैं। गोपाल की चाय की दुकान थी, जिससे परिवार का गुजर-बसर होता था। 14 मार्च 2023 को उनके परिवार ने एडवोकेट राजेश खंडेलवाल के माध्यम से जिला कोर्ट में क्लेम केस दायर किया। इसमें बस ड्राइवर संतोष (निवासी खंडवा), बस मालिक मुरली (निवासी इंदौर) और इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी से मुआवजे की मांग की गई।

सुनवाई के दौरान पत्नी ममता ने कोर्ट को बताया कि पति की मृत्यु के बाद परिवार के लिए जीवनयापन कठिन हो गया है।

13 फरवरी 2025 को कोर्ट ने पीड़ित परिवार के पक्ष में फैसला सुनाया।

एडवोकेट ने सुप्रीम कोर्ट के केस का दिया उदाहरण

  • याचिकाकर्ता के एडवोकेट राजेश खंडेलवाल ने तर्क दिया कि सड़क दुर्घटना से जुड़े क्लेम मामलों में दस्तावेजों को ठोस सबूतों से साबित करने की आवश्यकता नहीं होती। इसके लिए उन्होंने हाईकोर्ट के एक केस का न्याय दृष्टांत प्रस्तुत किया।
  • सुप्रीम कोर्ट के भी एक न्याय दृष्टांत का उदाहरण केस में दिया गया।
  • पीड़ित के रिश्तेदार जितेंद्र, जो दुर्घटना के समय बस में मौजूद थे, उन्होंने गवाही देकर पूरी घटना की पुष्टि की।
  • करीब दो साल तक केस की सुनवाई चली।

पीड़ित की ओर से एडवोकेट राजेश खण्डेलवाल केस लड़ रहे थे।

कोर्ट ने माना- वह चाय बेचते थे, लेकिन 25 हजार रुपए कमा सकते थे

एडवोकेट राजेश खंडेलवाल के अनुसार, कोर्ट ने माना कि गोपाल जायसवाल चाय की दुकान चलाते थे और उनकी मासिक आय 25,000 रुपये थी। केस में दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए गए थे, जिनके साथ-साथ मौखिक साक्ष्यों को भी आधार माना गया। कोर्ट ने तर्क स्वीकार करते हुए कहा कि चाय बेचकर भी इतनी आमदनी अर्जित की जा सकती है।

कोर्ट ने दाह संस्कार का खर्च भी क्लेम में जोड़ा, 37 लाख कुल राशि बनी

  • 13 फरवरी 2025 को कोर्ट ने पीड़ित परिवार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए अलग-अलग मदों में राशि तय कर कुल 33 लाख रुपए का क्लेम मंजूर किया।
  • मृतक गोपाल जायसवाल की मासिक आय 25,000 रुपए मानी गई। कोर्ट ने कुछ दस्तावेजी साक्ष्यों और पत्नी ममता के बयानों के आधार पर माना कि चाय की दुकान से उन्हें हर माह इतनी आय होती थी, जिससे परिवार का गुजारा चलता था।
  • असामयिक मृत्यु के कारण उनके पिता और पत्नी को प्रेम व स्नेह से वंचित होना पड़ा। इसके लिए 44,000-44,000 रुपये मंजूर किए गए।
  • गोपाल के दाह संस्कार के लिए 16,500 रुपये मंजूर किए गए।
  • संपत्ति हानि के लिए भी 16,500 रुपये स्वीकृत किए गए।
  • परिवार के आश्रितों के लिए कुल 33.71 लाख रुपये की राशि मंजूर की गई।
  • यह राशि ब्याज सहित 14 मार्च 2023 से 13 फरवरी 2025 तक 6% ब्याज के साथ 37 लाख रुपए हो गई।
  • इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी को यह 37 लाख रुपए की राशि पीड़ित परिवार को देनी होगी।



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