नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने उठाए सवाल।
श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में बुधवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 5 चीते छोड़े। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ बीजेपी के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा की मौजूदगी पर नेता प्रतिपक्ष ने सवाल उठाए गए।
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भोपाल में अपने आवास पर मीडिया से चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रश्न पूछा सामान्यतः किसी भी सरकारी कार्यक्रम में मंत्री, मुख्यमंत्री और अधिकारी होते हैं। लेकिन जिस प्रकार से मैं देख रहा हूं, उससे ऐसा लगा रहा है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के ऊपर मोदी जी और अमित शाह ने हितानंद शर्मा को बैठा दिया है।
कूनो में चीता छोड़ते सीएम डॉ. मोहन यादव, इस दौरान बीजेपी के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, पूर्व वन मंत्री रामनिवास रावत सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा
वे (हितानंद शर्मा) कई बार मुख्यमंत्री के घर पर बैठकों में भी दिखे। अभी भी चीता छोड़ा गया। उसमें मुख्यमंत्री जी के साथ हितानंद शर्मा साथ में दिख रहे हैं तो लगता है कि मुख्यमंत्री जी क्या असक्षम हैं, सरकार चलाने में? हितानंद शर्मा के भरोसे आपकी सरकार चल रही है। ये मुख्यमंत्री जी स्पष्ट करें।
बीजेपी ने कहा- उमंग ने ही कहा था दिग्विजय को माफिया नेता प्रतिपक्ष के बयान पर बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा- इतनी बारीक नजर उमंग सिंघार और जीतू पटवारी आपस में मिलकर कांग्रेस पर रख लें तो ज्यादा बेहतर होगा। वैसे उमंग सिंघार और अन्य कांग्रेसी किस हैसियत से किसको बुलाते हैं। कई बार उन्हें जवाब देना पड़ता है तो वे देते नहीं हैं।
उमंग सिंघार को उनका वो अमर वाक्य भी याद हो जो उन्होंने दिग्विजय सिंह के लिए कहा था- ‘वे पर्दे के पीछे से सरकार चलाने वाले माफिया हैं’। रेत माफिया हैं, शराब माफिया हैं, तो ऐसे शब्दों से अपने नेताओं को अलंकृत करने वाले उमंग सिंघार भाजपा जैसे लोकतांत्रिक संगठन के नेताओं को अगर कुछ कहते हैं तो ये हास्यास्पद है।
चीते की तरह क्या प्रदेश की आर्थिक स्थिति दौड़ रही है?
नेता प्रतिपक्ष ने इन्वेस्टर्स मीट का जिक्र करते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री जी चीता छोड़ रहे हैं। चीता सबसे तेज दौड़ने वाला जीव है, लेकिन क्या प्रदेश की आर्थिक स्थिति भी चीते की तरह तेज गति से आगे बढ़ रही है? यह मुख्यमंत्री जी बताएं।
प्रदेश के युवाओं को लाभ देना चाहते हैं। आप 9-10 महीने बाद 50 स्कूटी दे रहे हैं। यदि टेंडर कराना था, तो इसे पहले ही कराया जाता, जिससे कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राएं समय पर स्कूटी प्राप्त कर पाते। मुख्यमंत्री जी को सलाह है कि चीते ही नहीं, बल्कि प्रदेश की बहनों और नागरिकों के हित में भी उसी गति से प्रभावी कदम उठाएं।