कोसी कमिश्नरी के इकलौता सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर 24 स्वीकृति पद के बदले महज चार प्रोफेसर के बदौलत मेडिकल कॉलेज चलाया जा रहा है। ऐसे में जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, तकनीशियन के खाली पद की वजह से सहरसा, मधेपुर
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यह मुद्दा मंगलवार को बिहार विधान परिषद में कोशी प्रमंडल के राजद एमएलसी अजय कुमार सिंह ने उठाया है। उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर की कमी की वजह से मेडिकल छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। करीब 800 करोड़ के लागत जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कालेज का निर्माण सरकार ने किया है। जो कोसी कमिश्नरी सहरसा, मधेपुरा और सुपौल जिले का एकमात्र सरकारी मेडिकल कॉलेज है।
सवाल उठाते हुए कहा कि इतने बड़े मेडिकल कालेज मे 232 पद स्वीकृति है और कार्यरत 40 मात्र है। जबकि कहा जाता है कि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेज सिर्फ पोस्ट आफ़िस के तरह काम कर रहा है। यहां पहुंचने वाले मरीज को देखते रेफर किया जाता है। उन्होंने सवाल किया कि मेडिकल कॉलेज मे तीन सौ छात्र पढ़ रहे है और मेडिकल कालेज मे 24 पद प्रोफेसर के बदले 4 प्रोफेसर कार्यरत है। असिस्टेंट प्रोफेसर 76 पद के विरुद्ध मात्र 10 कार्यरत है।
सीनियर रेजिडेंट के 58 पद विरुद्ध कुल 26 कार्यरत है। मेडिसीन मे एक मात्र पढ़ा रहे है। ऐसे उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे में किस मेडिकल छात्र पढ़ाई कर अच्छे डॉक्टर बनेगे।सरकार से मांग किया कि अगर डॉक्टर के बहाली मे देरी है तो स्थानीय स्तर पर व्यवस्था किया जाये। ताकि छात्र सफल डॉक्टर बने।