Homeदेशजम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र कल से: CM उमर ने आज...

जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र कल से: CM उमर ने आज शाम सहयोगी दलों की बैठक बुलाई, अब्दुल रहीम रादर स्पीकर बन सकते हैं


  • Hindi News
  • National
  • Jammu Kashmir Vidhan Sabha Session; Omar Abdullah Ministers Meeting | Congress CPI AAP

श्रीनगर5 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सत्र से पहले सहयोगी दलों के विधायकों की मीटिंग बुलाई है। (फाइल)

जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू होगा। सत्र से पहले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से सहयोगी दलों की रविवार शाम 7:30 बजे बैठक बुलाई है। इसमें कांग्रेस, CPI(M), आम आदमी पार्टी और निर्दलीय विधायक शामिल होंगे।

सूत्रों के मुताबिक, 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनाव के बाद नई सरकार में नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ विधायक अब्दुल रहीम रादर को स्पीकर बनाया जा सकता है। रादर सातवीं बार विधायक चुने गए हैं और जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश की पहली विधानसभा में सबसे उम्रदराज विधायक भी हैं।

सत्र से पहले स्पीकर का चुनाव होगा स्पीकर का चुनाव सोमवार सुबह 10:30 बजे से पहले होगा। इसके बाद उपराज्यपाल का अभिभाषण होगा। बैठक में अब्दुल्ला सरकार की आगामी रणनीति और योजनाओं के बारे में भी चर्चा हो सकती है। बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के सभी विधायकों को भी बुलाया गया है।

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सत्र 4 नवंबर से शुरू होगा। सबसे पहले स्पीकर का चुनाव होगा। इसके बाद उपराज्यपाल का अभिभाषण होगा।

डिप्टी स्पीकर का पद भाजपा को मिल सकता है अब्दुल्ला सरकार डिप्टी स्पीकर का पद भाजपा को दे सकती है। हालांकि, अब तक सरकार की ओर से भाजपा को इससे जुड़ी कोई जानकारी नहीं दी गई है। आज होने वाली बैठक में इस पर भी फैसला हो सकता है।

आतंकी हमलों को लेकर सत्र में हंगामे के आसार उमर अब्दुल्ला के CM पद की शपथ लेने के बाद राज्य में 6 आतंकी हमले हुए हैं। इनमें लश्कर के कमांडर समेत 6 आतंकी ढेर हुए हैं। 3 जवान भी शहीद हुए। साथ ही 8 गैर कश्मीरी मंजदूरों की भी मौत हुई है। राज्य में नई सरकार के बनने के बाद आतंकियों ने गैर कश्मीरियों को निशाना बनाकर कई हमले किए हैं।

उमर अब्दुल्ला के पिता फारूक अब्दुल्ला के आतंकियों पर दिए बयान को लेकर भी सत्र में हंगामे के आसार हैं। दरअसल फारुक ने कहा था कि सुरक्षाबल आतंकियों को मारे नहीं, बल्कि उन्हें गिरफ्तार करें। इसे लेकर भाजपा ने फारुक पर निशाना साधा था।

उमर के CM बनने के बाद 8 हमले

  • 1-2 नवंबर को 3 एनकाउंटर: 36 घंटे के अंदर श्रीनगर, बांदीपोरा और अनंतनाग में सेना और आतंकियों के बीच 3 एनकाउंटर हुए। श्रीनगर में लश्कर का कमांडर ढेर हुआ। सेना ने अनंतनाग में 2 आतंकी मार गिराए।
  • 28 अक्टूबर: अखनूर में 3 आतंकी ढेर हुए। LoC के पास आतंकियों ने आर्मी एंबुलेंस पर फायरिंग की थी। इसके बाद वे जंगल की ओर भाग गए थे। 5 घंटे तक चले एनकाउंटर में सेना का कोई जवान घायल नहीं हुआ।
  • 24 अक्टूबर: बारामूला में सेना की गाड़ी पर आतंकियों ने हमला किया। इसमें 3 जवान शहीद हुए। 2 मजदूरों की भी मौत हुई। हमले की जिम्मेदारी PAFF संगठन ने ली थी। ​
  • 24 अक्टूबर: दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के बटगुंड में आंतकवादियों ने एक गैर कश्मीरी मजदूर पर गोलीबारी की। गोलीबारी से मजदूर घायल हुआ ।
  • 20 अक्टूबर: गांदरबल के सोनमर्ग में कश्मीर के डॉक्टर, MP के इंजीनियर और पंजाब-बिहार के 5 मजदूरों की जान गई थी। इसकी जिम्मेदारी लश्कर के संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली।
  • 16 अक्टूबर: शोपियां में आतंकियों ने गैर-स्थानीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमले के बाद इलाके में आतंकियों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया।

4 राज्यसभा सीटों पर भी चुनाव जल्द होंगे

जम्मू-कश्मीर की 4 राज्यसभा सीटों पर भी जल्द ही चुनाव होने हैं। इसके लिए चर्चाएं अभी से तेज हो गई हैं। चुनाव में जीती सीटों के हिसाब से दो राज्यसभा सीटें NC-कांग्रेस गठबंधन और एक बीजेपी के खाते में जा सकती हैं। NC अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को राज्यसभा भेजा जा सकता है। खराब सेहत के चलते उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया था।

बची हुई एक सीट पर चुनाव हो सकते हैं। चुनाव में यह सीट किसके हिस्से जाएगी, ये उस समय के राजनीतिक समीकरण ही तय करेंगे। ठीक यही स्थिति 2015 में भी बनी थी। तब सत्तारूढ़ PDP-भाजपा को एक-एक सीट मिली थी। NC ने तब कांग्रेस प्रत्याशी (अब डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के नेता) गुलाम नबी आजाद को समर्थन दिया था। चौथी सीट चुनाव के बाद PDP-भाजपा गठबंधन के खाते में आई थी।

………………………………………

जम्मू-कश्मीर से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…

जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलना कितना मुश्किल, उमर अब्दुल्ला के पास क्या रास्ते

जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन एक्ट, 2019 में बदलाव करना होगा। संसद से इसकी मंजूरी मिलने इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी के बाद जिस दिन राष्ट्रपति इस कानूनी बदलाव की अधिसूचना जारी करेंगे, उसी तारीख से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाएगा। पूरी खबर पढ़ें…

उमर की शपथ के बाद कांग्रेस ने कहा था- पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी

उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने 16 अक्टूबर को शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर में उमर अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी।

उमर अब्दुल्ला ने 16 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस सरकार में शामिल नहीं हुई। कांग्रेस ने सरकार को बाहर से समर्थन दिया। पार्टी का कहना है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलने तक उसकी लड़ाई जारी रहेगी। पूरी खबर पढ़ें…

खबरें और भी हैं…



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version