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ट्रम्प के जन्मजात नागरिकता खत्म करने के आदेश पर रोक: कोर्ट ने इसे असंवैधानिक बताया, प्रेसिडेंट के फैसले के खिलाफ 22 राज्य अदालत पहुंचे थे


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वॉशिंगटन14 मिनट पहले

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ट्रम्प ने सोमवार को राष्ट्रपति पद की शपथ के बाद नागरिकता से जुड़े आदेश पर साइन किए थे। - Dainik Bhaskar

ट्रम्प ने सोमवार को राष्ट्रपति पद की शपथ के बाद नागरिकता से जुड़े आदेश पर साइन किए थे।

डोनाल्ड ट्रम्प के जन्मजात नागरिकता खत्म करने के आदेश पर 14 दिनों के लिए रोक लगा दी गई है। अमेरिका के सिएटल शहर की एक कोर्ट ने प्रेसिडेंट के आदेश को असंवैधानिक बताया।

जज जॉन कफेनॉर ने कहा, ‘मैं चार दशकों से न्यायाधीश हूं, लेकिन इस तरह का मामला सामने कभी नहीं आया, जहां याचिकाकर्ता का सवाल इतना स्पष्ट हो।

अदालत ने चार राज्यों- वाशिंगटन, एरिजोना, इलिनॉय और ओरेगन द्वारा दायर याचिका पर यह फैसला सुनाया। मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी को होगी।

दरअसल, मंगलवार को 22 राज्यों के अटॉर्नी जनरल ने दो फेडरल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में इसके खिलाफ मुकदमा दायर किया था।

ट्रम्प के इस आदेश के बाद अवैध प्रवासियों या वीजा पर रहने वाले लोगों के उन बच्चों को नागरिकता नहीं मिल पाएगी, जिनका जन्म अमेरिका में हुआ है। ट्रम्प ने इस आदेश को लागू करने के लिए 30 दिन का समय दिया है।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक ट्रम्प का ये आदेश अमेरिकी बच्चों को मिलने वाले जन्मजात नागरिकता के अधिकार को चुनौती देता है। इससे हर साल 1.5 लाख नवजातों को नागरिकता पर संकट आ गया है।

अमेरिकी संविधान का 14वां संशोधन बच्चों को जन्मजात नागरिकता की गारंटी देता है। अमेरिका में यह कानून 150 साल से लागू है।

दावा- ट्रम्प के पास संवैधानिक अधिकार नहीं

अठारह राज्यों और दो शहरों (सैन फ्रांसिस्को और वाशिंगटन, डीसी) ने मैसाचुसेट्स और चार अन्य राज्यों ने वाशिंगटन के पश्चिमी जिले की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में ट्रम्प के आदेश के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।

इसमें तर्क दिया गया कि 14वें संशोधन के तहत मिलने वाली जन्मजात नागरिकता पर रोक लगाने के लिए राष्ट्रपति और कांग्रेस के पास संवैधानिक अधिकार नहीं हैं।

न्यू जर्सी के अटॉर्नी जनरल मैथ्यू जे. प्लैटकिन ने अपने बयान में कहा कि, “राष्ट्रपति शक्तिशाली होते हैं, लेकिन वे राजा नहीं हैं। वे कलम के एक झटके से संविधान को फिर से नहीं लिख सकते।”

वाशिंगटन के अटॉर्नी जनरल निक ब्राउन के मुताबिक ट्रम्प के फैसले से हर साल 150,000 नवजात बच्चों को नागरिकता से वंचित किया जाएगा।

जन्मजात के नागरिकता मामले लगातार बढ़े हैं

गरीब और युद्धग्रस्त देशों से आए लोग अमेरिका आकर और बच्चों को जन्म देते हैं। ये लोग पढ़ाई, रिसर्च, नौकरी के आधार पर अमेरिका में रुकते हैं। बच्चे का जन्म होते ही उन्हें अमेरिकी नागरिकता मिल जाती है। नागरिकता के बहाने माता-पिता को अमेरिका में रहने की कानूनी वजह भी मिल जाती है।

अमेरिका में यह ट्रेंड काफी लंबे समय से जोरों पर है। आलोचक इसे बर्थ टूरिज्म कहते हैं। प्यू रिसर्च सेंटर की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक 16 लाख भारतीय बच्चों को अमेरिका में जन्म लेने की वजह से नागरिकता मिली है।

हालांकि ट्रम्प के आदेश में कहा गया है कि यह केवल उन लोगों पर लागू होगा जो इस आदेश की तारीख से 30 दिनों के बाद अमेरिका में जन्मे हैं। इसका मतलब है कि अमेरिका में भारतीयों की आने वाली पीढ़ी इसके दायरे में होगी।

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