प्रदेश के सभी विभागों में तीस मई तक स्वैच्छिक और प्रशासनिक तबादलों का फैसला ले चुकी सरकार को आशंका है कि तबादले के विरोध में कई अधिकारी, कर्मचारी कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। ऐसे हालातों से निबटने के लिए कई विभागों ने तबादला आदेश जारी करने के पहले
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तबादला नीति लागू हुए अब तक 28 दिन हो चुके हैं लेकिन पीडब्ल्यूडी और पीएचई विभाग के सौ से अधिक कर्मचारियों अधिकारियों के स्थानांतरण के अलावा किसी दूसरे विभाग ने तबादले की बड़ी सूची जारी नहीं की है। स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, नगरीय विकास और आवास, राजस्व, गृह, लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा, पंचायत और ग्रामीण विकास, जनजातीय कार्य, ऊर्जा और जल संसाधन ऐसे विभागों में शामिल हैं जहां स्थानांतरित किए जाने वाले कर्मचारियों, अधिकारियों का प्रतिशत अधिक रहेगा।
ऐसे में तीन साल की अवधि एक स्थान पर पूरी कर चुके अधिकारी कर्मचारी प्रशासनिक आधार पर किए जाने वाले तबादलों के विरोध में हाईकोर्ट की शरण ले सकते हैं ताकि किसी न किसी ग्राउंड को आधार बनाकर तबादले पर स्टे लेने और आदेश शिथिल कराने की कार्यवाही की जा सके। इसी के चलते विभागों द्वारा केविएट दायर की जा रही है ताकि तबादला आदेश जारी होने के बाद उसका एग्जीक्यूशन भी तेजी से कराया जा सके।
हाईकोर्ट जबलपुर, खंडपीठ में केविएट दायर
स्कूल शिक्षा विभाग ने इसी तारतम्य में कहा है कि शिक्षक संवर्ग और गैर शिक्षक संवर्ग के अमले का प्रशासकीय आवश्यकता के आधार पर राज्य स्तर से स्थानांतरण किया जाने वाला है। ऐसे में स्थानांतरण आदेश के खिलाफ संबंधित लोक सेवा उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सकते हैं। इसलिए इन हालातों में याचिका दायर करने पर न्यायालय के समक्ष विभाग अपना पक्ष रख सके, इसके लिए हाईकोर्ट जबलपुर, हाईकोर्ट की खंडपीठ ग्वालियर और इंदौर में केविएट दायर की जा रही है। ऐसे ही स्थिति दूसरे विभागों द्वारा भी अपनाई जा रही है।
तबादला अवधि 15 दिन बढ़ने के संकेत, जीएडी अफसर चुप
उधर मोहन कैबिनेट के मंत्रियों ने तबादला आदेश जारी करने की समय सीमा 10 से 15 दिन बढ़ाने की मांग की है। चूंकि अभी तक मुख्यमंत्री ने इस पर सहमति नहीं दी है। इसलिए सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी भी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं। इस विभाग के अफसरों का कहना है कि इसको लेकर उन्हें कोई निर्देश नहीं मिले हैं। माना जा रहा है कि इस मामले में 31 मई को पीएम मोदी के दौरे के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव तबादला अवधि में वृद्धि करने के निर्देश दे सकते हैं।