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दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ने दिव्यांगों को बांटा उपकरण: नरेंद्र कश्यप बोलें – हर दिव्यांगजन में एक दिव्य शक्ति होती है, जिसे पहचानने और सम्मान देने की जरूरत – Lucknow News


प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री नरेन्द्र कश्यप ने बुधवार को लखनऊ के मोहन रोड पर स्थित राजकीय संकेत विद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर उन्होंने दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्होंन

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मंत्री नरेंद्र कश्यप में दिव्यांगों को बांटा उपकरण।

दिव्यांगजन मंत्री नरेंद्र कश्यप के द्वारा दिव्यांग बच्चों को 124 ट्राइ-साइकिल, 20 व्हीलचेयर , 10 पेयर बैसाखी , 226 श्रवण यंत्र, 163 स्मार्टकेन , 143 ब्रेलकिट वितरित किए गए उपकरणों में ट्राईसाइकिल, बैशाखी, व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र, स्मार्टकेन/ब्रेलकिट, वाकिंग स्टिक दिया गया।

वही मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘विकलांग’ शब्द को ‘दिव्यांगजन’ से प्रतिस्थापित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हर दिव्यांगजन में एक दिव्य शक्ति होती है, जिसे पहचानने और सम्मान देने की जरूरत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पिछले आठ वर्षों में सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। यह प्रगति न केवल राज्य के विकास को गति दे रही है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

दिव्यांगजन मंत्री बोले – सरकार ने दिव्यांगों के हितों को देखते हुए बजट को बढ़ाया।

मंत्री बोले- सरकार ने विभाग के बजट को बढ़ाया

मंत्री कश्यप ने कहा कि सरकार ने दिव्यांगजनों के हितों को प्राथमिकता दी है। इसके लिए समय-समय पर संचालित योजनाओं के बजट में वृद्धि की गई है। इसका परिणाम यह हुआ है कि दिव्यांगजनों को शिक्षा, रोजगार और स्वरोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार दिव्यांगजनों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए प्रतिबद्ध है। उनकी यात्रा को सुगम बनाने के लिए निशुल्क सहायक उपकरण और कृत्रिम अंग प्रदान किए जा रहे हैं।

मंत्री कश्यप ने कहा कि दिव्यांग पेंशन के जरिए दिव्यांगजनों को आर्थिक सहायता दी जा रही है। दिव्यांग शादी पुरस्कार योजना के तहत विवाह करने वाले दिव्यांगजनों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है। दुकान निर्माण एवं संचालन योजना स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए यह योजना शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का उद्देश्य दिव्यांगजनों की छिपी शक्तियों को उजागर करना और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करना है। दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए प्रदेश में डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ

जगद्गुरु रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय, चित्रकूट दो प्रमुख विश्वविद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। इन संस्थानों में दिव्यांग विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्रदान की जा रही है, ताकि वे अपने भविष्य को बेहतर ढंग से संवार सकें।



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