नोएडा प्राधिकरण में बैठक करते सीईओ लोकेश एम।
नोएडा प्राधिकरण बल्क वेस्ट जनरेट करने वाली 117 सोसाइटी को नोटिस जारी कर रहा है। ये सभी वो सोसाइटी है जो रोजाना करीब 100 किलो वेस्ट पैदा कर रहा है।
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नियमतः इन सोसाइटी को अपने परिसर में ही कूड़ा निपटारा के लिए प्लांट लगाना था। लेकिन ऐसा इन्होंने नहीं किया। बल्कि अपना कूड़ा या तो खुले में फेंका या फिर डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाले एजेंसी को दिया।
प्राधिकरण को राजस्व नुकसान
डोर टू डोर एजेंसी कूड़ा उठाने के लिए प्रत्येक फ्लैट से पैसा लेती है। जबकि उसका प्राधिकरण के साथ एक निश्चित मात्रा में रोजाना कूड़ा निस्तारण का एग्रीमेंट है। इससे ज्यादा कूड़ा निस्तारित करने पर होने वाला अतिरिक्त खर्चा प्राधिकरण को वहन करना पड़ता है। ऐसे में हर बार कंपनी ज्यादा कूड़ा दिखा रही है। जबकि ये पैसा फ्लैट मालिकों से ले रही है। ऐसे में दोनों तरफ से एजेंसी की कमाई हो रही है।
5 हजार वर्गमीटर और बड़े भूखंड पर लागू नियम
नियमों के तहत पांच हजार वर्ग मीटर या इससे बड़े आकार के जो भी भूखंड है उनके अपने परिसर में ही कूड़ा निस्तारण की प्रक्रिया करनी चाहिए लेकिन नोएडा में ऐसा नहीं हो रहा है। ऐसे भूखंडों पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट जरुरी है। नोएडा क्षेत्र में करीब 117 ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी हैं।
गीला और सूखा दोनों कचरे का करना है निपटारा
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया पांच हजार वर्ग मीटर से अधिक भूखंड वाले बड़े कूड़ा उत्पादकों की श्रेणी में आते हैं। ऐसे उत्पादकों को अपने परिसर में ही गीले-सूखे कूड़े के लिए निस्तारित प्लांट लगाना जरुरी है।
नोएडा में घर-घर से कूड़ा उठाने का काम एजी एनवायरो एजेंसी करती है। यह एजेंसी ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी से प्रति फ्लैट के हिसाब से शुल्क ले लेती है लेकिन जब इस कूड़े का निस्तारण होता है तो उसका खर्चा प्राधिकरण को वहन करना होता है।
15 दिन में प्रस्तुत करे कार्ययोजना
नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ वंदना त्रिपाठी ने बताया कि सभी ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी को जल्द नोटिस जारी करने शुरू किए जाएंगे। सोसाइटी वालों को 15 दिन में कूड़ा निस्तारण की योजना बतानी होगी। अगर कूड़ा निपटारा नहीं करते है तो यह शुल्क प्राधिकरण को देना होगा।