पंजाब के सरकारी स्कूलों के 72 शिक्षकों का एक डेलिगेशन आज (15 मार्च को) ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड रवाना होगा। यह ट्रेनिंग प्रोग्राम दो सप्ताह का होगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद इस दल से मुलाकात कर उन्हें रवाना करेंगे।
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इस अवसर पर चंडीगढ़ स्थित सीएम आवास पर एक समागम सुबह साढ़े दस बजे रख गया है, इसमें शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह भी शामिल होंगे। सरकार का उद्देश्य इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के माध्यम से स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान करना और क्लास रूम के डर को खत्म करना है।
एक हफ्ते की ट्रेनिंग पंजाब में हुई
पंजाब सरकार का यह दूसरा बैच है, जिसे ट्रेनिंग के लिए भेजा जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत सरकार ने तुर्कू विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता (MoU) किया है। जिसके तहत शिक्षकों की एक सप्ताह की ट्रेनिंग पंजाब में और दो सप्ताह का ट्रेनिंग फिनलैंड में होगी। सरकार द्वारा राज्य में 132 स्कूलों को “स्कूल ऑफ हैप्पीनेस” के रूप में विकसित किया जा रहा है। श्री आनंदपुर साहिब से “स्कूल ऑफ हैप्पीनेस” प्रोजेक्ट का आगाज हुआ है।
पहले बैच में फिनलैंड जाकर आए शिक्षक व अधिकारी।
43 साल से कम उम्र टीचर ट्रेनिंग पर
सरकार जिन टीचरों को ट्रेनिंग पर भेज रही है। उनकी रिटायरमेंट में अभी लंबा समय है। सरकार ने ट्रेनिंग के लिए में शामिल होने के लिए शिक्षकों की अधिकतम आयु 43 वर्ष तय की थी। सरकार ने साफ कहा था कि 31 जनवरी 2025 तक उनकी उम्र 43 वर्ष या उससे कम होनी चाहिए। एचटी, सीएचटी और बीपीईओ पदों के लिए अधिकतम आयु 48 वर्ष निर्धारित की गई है।
आवेदकों के पास सितंबर 2025 तक वैध भारतीय पासपोर्ट होना आवश्यक है। उनके खिलाफ किसी भी तरह कोई केस या जांच नहीं होनी चाहिए। आम आदमी पार्टी की सरकार के राज्य के आने वाले पंजाब के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को सिंगापुर, आईआईएम अहमदाबाद समेत कई नामी जगह से ट्रेनिंग दिलाई गई है।