विंदेश का कहना है कि जब तक उनका चयन नहीं होता, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
पीएचडी में प्रवेश नहीं मिलने के बाद इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय का एक छात्र अनशन पर बैठ गया है। उसका आरोप है कि उसके साथ भेदभाव किया जा रहा है।
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छिंदवाड़ा के छात्र विंदेश करपे का कहना है कि उसने 5 मार्च 2025 को पीएचडी प्रवेश परीक्षा में पहला स्थान प्राप्त किया। लेकिन, साक्षात्कार में उन्हें बाहर कर दिया गया। उनका आरोप है कि कम अंक वाले छात्रों का चयन कर लिया गया।
एक माह से विभिन्न स्तरों पर शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद विंदेश ने प्रशासनिक भवन के सामने धरना और भूख हड़ताल शुरू कर दी है। मध्यप्रदेश आदिवासी छात्र संगठन ने विश्वविद्यालय को दो दिन का समय दिया है। संगठन ने चेतावनी दी है कि समय सीमा में न्याय नहीं मिला तो भवन की तालाबंदी की जाएगी।
विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी रजनीश त्रिपाठी ने बताया कि छात्र के आरोप की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। कमेटी एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। छात्र को इस बारे में सूचित किया गया है।