मुजफ्फरनगर में जीएसटी टीम पर हमले के मामले में पूर्व सांसद कादिर राणा और युसूफ की अग्रिम जमानत अर्जी को अदालत ने खारिज कर दिया है। इस फैसले से कादिर राणा की मुसीबतें और बढ़ सकती हैं, क्योंकि जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उन्हें और कड़ी कानूनी कार्रवा
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इस पूरे मामले की शुरुआत 5 दिसंबर 2023 को हुई थी, जब जीएसटी की टीम ने पूर्व सांसद कादिर राणा की फैक्ट्री में छापेमारी की थी। जीएसटी अधिकारियों ने फैक्ट्री में छापेमारी की, तो फैक्ट्री में मौजूद लोगों ने टीम पर हमला कर दिया था। इसके अलावा, महिला अधिकारियों के साथ अभद्रता भी की गई थी, जिससे मामला और गंभीर हो गया था। इस घटना के बाद थाना सिविल लाइन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की और जांच शुरू की।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्व विधायक शाहनवाज राना, पूर्व सांसद कादिर राणा के भतीजे सद्दाम राणा, और पूर्व सांसद की दोनों बेटियों को गिरफ्तार किया था। बाद में, पुलिस ने शाहनवाज राना के खिलाफ जीएसटी चोरी के मामले में धारा 120 बी (साजिश) का मामला भी दर्ज किया था, जिसके बाद उन्हें एक और कानूनी झंझट का सामना करना पड़ा।
हालांकि, शाहनवाज राना को छोड़कर बाकी सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। सोमवार को शाहनवाज राना की जमानत अर्जी पर एडीजे प्रथम गोपाल उपाध्याय की कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन कोर्ट में केस डायरी नहीं पहुंचने के कारण सुनवाई स्थगित कर दी गई। कोर्ट ने सुनवाई की नई तिथि 2 जनवरी 2024 निर्धारित की है।
इसी मामले में, पूर्व सांसद कादिर राणा और युसूफ की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई की गई थी। एडीजे प्रथम गोपाल उपाध्याय ने दोनों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है, जिससे दोनों को अभी और परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।