भगवत आचार्य जिनकी हत्या को एक्सीडेंट का रूप दिया गया।
ग्वालियर-झांसी हाईवे पर हुए एक सड़क हादसे की गुत्थी जब सुलझी, तो पुलिस के सामने हत्या की ऐसी साजिश आई जिसने सभी को चौंका दिया। 4 मार्च को ज्योतिषाचार्य और भगवत आचार्य की स्कूटी को एक तेज़ रफ्तार वाहन ने टक्कर मार दी, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
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पहला सुराग: बिना नंबर की सफेद बोलेरो
CCTV फुटेज में एक बिना नंबर की सफेद बोलेरो दिखाई दी, जो घटना के तुरंत बाद हाईवे से गुजर रही थी। 7 मार्च को करहिया इलाके में नहर में एक संदिग्ध बोलेरो मिली, जिससे मामले ने नया मोड़ ले लिया। प्रारंभ में इसे एक दुर्घटना समझा गया, लेकिन जब गाड़ी में कोई मौजूद नहीं मिला, तो शक गहरा गया। जांच में सामने आया कि यह वही बोलेरो थी, जिसने भगवत आचार्य को कुचला था।
घटना स्थल पर भगवत आचार्य का शव एम्बुलेंस में रखते हुए, दुर्घटनाग्रस्त एक्टिवा।
प्रेम कहानी से उपजी दुश्मनी बनी हत्या की वजह
जांच में पता चला कि डबरा के इटायल निवासी कमल किशोर रावत की बेटी ने भगवत आचार्य के साले कुलदीप शर्मा के साथ प्रेम विवाह किया था। इस शादी से नाराज कमल किशोर रावत ने भगवत आचार्य को इस प्रेम विवाह के लिए ज़िम्मेदार ठहराया। समाज में बेइज्जती का बदला लेने के लिए उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर भगवत आचार्य की हत्या की साजिश रची।
वारदात के तीन दिन बाद गाड़ी को नहर में बहा दिया।
छह दिन की रेकी, क्राइम शो देखकर बनाई साजिश
कमल किशोर रावत, नीतेश रावत, सूरज रावत और अन्य आरोपियों ने छह दिन तक भगवत आचार्य की रेकी की और उनके आने-जाने के समय का अध्ययन किया। हत्या को हादसे का रूप देने के लिए उन्होंने इंटरनेट पर क्राइम सीरियल देखे और एक परफेक्ट रोड एक्सीडेंट की योजना बनाई। 4 मार्च को हाईवे पर तेज़ रफ्तार बोलेरो से भगवत आचार्य को टक्कर मार दी गई।
हत्या के आरोपी नीतेश रावत को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एक गलती से बेनकाब हुई साजिश
आरोपियों ने गाड़ी की पहचान छिपाने के लिए बिना नंबर प्लेट की पुरानी बोलेरो का इस्तेमाल किया और वारदात के तीन दिन बाद गाड़ी को नहर में बहा दिया। लेकिन यही उनकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई। जब पुलिस ने बोलेरो के चेसिस नंबर की जांच की, तो पता चला कि यह वाहन आरोपी परिवार से जुड़ा था। इस सुराग के आधार पर बोलेरो चालक नीतेश रावत को गिरफ्तार किया गया, जिसने पूरी साजिश का खुलासा कर दिया।
हत्या के लिए महिला के नाम से खरीदी गई बोलेरो
जांच में पता चला कि आरोपियों ने इस साजिश के लिए कबाड़ से पुरानी बोलेरो खरीदी थी, जिसे समाज की एक महिला के नाम पर रजिस्टर करवाया गया था।