जबलपुर की विजयनगर थाना पुलिस ने फ़र्जी वसीयत बनाकर दूसरे की जमीन हड़पने के मामले में तहसीलदार, पटवारी सहित सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मामले पर की तहसीलदार को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि अन्य की तलाश की जा रही है। जानकारी के मुताबिक विजयन
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जानकारी के मुताबिक शिवचरण पांडे के पिता महावीर पांडे के नाम पर रैगंवा में एक हेक्टर जमीन थी। महावीर पांडे की मौत के बाद शिव चरण के नाम दस्तावेज में दर्ज हुआ लेकिन अगस्त 2023 को अचानक की शिवचरण का नाम खसरे से हटा दिया गया, शिवचरण ने अपनी शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से की। अपर कलेक्टर के निर्देश पर जब एसडीएम ने जांच की तो पाया कि अधारताल तहसील कार्यालय पर 10 तक कंप्यूटर ऑपरेटर दीपा दुबे ने तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे और पटवारी जागेंद्र पिपरे के साथ मिलकर यह पूरा जमीन का षड्यंत्र रचा था। दीपा दुबे ने एक फर्जी वसीहत तैयार की और फिर एक हेक्टर जमीन अपने पिता के नाम करवा ली। दीपा दुबे के पिता श्याम नारायण जबलपुर कलेक्ट्रेट कार्यालय में ड्राइवर के पद पर पदस्थ रहे। जून 2024 में श्याम नारायण की मौत के बाद दीपा दुबे ने एक हेक्टर जमीन को अपने भाई रवि शंकर अजय और खुद के नाम दर्ज करवा लिया।
दीपा ने इसके बाद उसे जमीन का एक सौदा किया और कर मेता निवासी हर्ष पटेल विजयनगर एकता निवासी अमिता पाठक को यह जमीन करोड़ों में बेच दी। शिवचरण पांडे की शिकायत पर यह पूरी जांच की गई जिसमें तहसीलदार पटवारी और कंप्यूटर ऑपरेटर सहित सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। विजयनगर थाना पुलिस ने तहसीलदार को गिरफ्तार कर लिया है जबकि अन्य की तलाश की जा रही है।