बड़वानी जिले में हॉकी खिलाड़ियों को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं। खिलाड़ी एसबीएन पीजी कॉलेज के मैदान पर अभ्यास करने को मजबूर हैं। यहां भी आधे मैदान पर अन्य सामान पड़ा है। बचे हुए हिस्से में मिट्टी और पत्थरों के बीच खिलाड़ी प्रैक्टिस करते
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गर्ल्स हॉकी कोच भावेश मालवीय के अनुसार, खिलाड़ियों को अभ्यास से पहले मैदान की सफाई करना पड़ती है। इससे उनका कीमती समय व्यर्थ जाता है। शहर में सबसे अधिक हॉकी खिलाड़ी होने के बावजूद उचित खेल मैदान या स्टेडियम की सुविधा नहीं है।
विपरीत हालात के बावजूद, यहां के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। तीन खिलाड़ी मलेशिया और इंडोनेशिया में अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग ले चुके हैं।
कॉलेज के मैदान में हॉकी की प्रैक्टिस करती खिलाड़ी।
अंतरराष्ट्रीय टीम में खेल चुके यहां के खिलाड़ी
जूना झिरा की रजनी वास्कले ने स्कूल गेम्स की स्पर्धा में ऑल इंडिया गोल्ड मेडल जीता है। किसान दंपती रमेश और शकुंतला वास्कले की बेटी रजनी 2017 में मलेशिया में अंतरराष्ट्रीय टीम का हिस्सा रह चुकी हैं। वर्तमान में वह राज्य महिला हॉकी अकादमी ग्वालियर में नेशनल लेवल का प्रशिक्षण ले रही हैं।
सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए हजारों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन बड़वानी के खिलाड़ियों को अभी तक एस्ट्रोटर्फ तक नहीं मिल पाया है। उचित सुविधाएं मिलने पर ये प्रतिभाएं और बेहतर प्रदर्शन कर जिले का नाम रोशन कर सकती हैं।
लोकसभा सांसद गजेंद्र सिंह पटेल ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश में खिलाड़ियों की बढ़ती प्रतिभाओं को देखते हुए बजट में स्टेडियम बनाने को लेकर कहा है। बड़वानी जिले में भी जल्द खिलाड़ियों के लिए सर्व सुविधायुक्त खेल स्टेडियम बनेगा, जिससे जिले में खेल प्रतिभाएं भी बढ़ेंगी।