9 मिनट पहले
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हां, घर पर परेशानियां तो थीं। पर परेशानियों से रुक थोड़ी सकते थे। पढ़ाई तो करनी ही थी, आगे भी करनी ही है।
ये कहना है बिहार बोर्ड 10वीं की स्टेट टॉपर साक्षी कुमारी का। 29 मार्च को जारी बिहार बोर्ड 10वीं के रिजल्ट में साक्षी टॉप रैंक पाने वाले 3 स्टूडेंट्स में से एक हैं। साक्षी के पिता बढ़ई हैं और मजदूरी करके ही घर का पेट पालते हैं। मगर साक्षी ने घर की तंगहाली के बावजूद पूरी लगन से अपनी पढ़ाई जारी रखी।
ANI से बात करते हुए साक्षी ने कहा, ‘अभी तो मैंने 10वीं क्लियर की है। अब अच्छे से अच्छे नंबरों के साथ 12वीं क्लियर करनी है और अच्छी जगह पहुंचना है। मेरे पापा बढ़ई हैं, मजदूरी करते हैं। घर की स्थिति अच्छी नहीं है। परेशानी तो है मगर रुक तो नहीं सकते।’
स्टेट टॉप करने के सवाल पर साक्षी हैरानी जताती हैं। वो कहती हैं कि पढ़ते समय ये टार्गेट रखा था कि टॉप 10 में जगह बनानी है, मगर ये नहीं सोचा था कि पहली पोजीशन मिलेगी।
रोज 8 से 9 घंटे पढ़ाई की- साक्षी साक्षी ने बताया कि उन्होंने रोज 8 से 9 घंटे पढ़ाई की। उन्होंने कहा कि टॉपर बनने के लिए किसी एक सब्जेक्ट में अच्छा होना काफी नहीं है। हर सब्जेक्ट पर पकड़ होनी चाहिए।
फेसबुक-ट्विटर से दूरी बनाई, YouTube से पढ़ाई की साक्षी बताती हैं कि घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी, मगर स्कॉलरशिप से पढ़ाई की। उन्होंने किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, ट्विटर से हमेशा दूरी बनाई। हालांकि, YouTube की मदद से पढ़ाई की।
मां ने बताया- घर के काम भी करती थी, पढ़ाई भी साक्षी की मां ने बताया कि बेटी घर के काम भी करती थी। हालांकि, उनकी बड़ी बेटी उनका ज्यादा हाथ बंटाती है, मगर साक्षी भी घर के कामों में पूरी मदद करती है। इसके बावजूद हर दिन 8 से 9 घंटे पढ़ाई कर पूरे स्टेट में टॉप किया।
स्टेट में सेकेंड टॉपर बने पुनीत सिंह ने कहा कि सरकारी स्कूलों में अच्छे टीचर्स और पढ़ाई होते हैं। अगर आप रोज स्कूल अटेंड करें और पढ़ाई पूरी लगन से करें, तो कुछ भी संभव है। पुनीत आगे चलकर IAS ऑफिसर बनना चाहते हैं।
बिहार बोर्ड 10वीं में 81.11% बच्चे पास
बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड ने 29 मार्च को मैट्रिक यानी 10वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है। कैंडिडेट्स बिहार बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट matricresult2025.com और matricbiharboard.com पर जाकर रिजल्ट चेक कर सकते हैं।
इस साल लड़कियों का पासिंग पर्सेंटेज कम
इस साल बिहार में 10वीं के एग्जाम्स में लड़कों से ज्यादा लड़कियां बैठी थीं। इस बार कुल 8,05,392 लड़कियों और 7,52,685 लड़कों ने 10वीं का एग्जाम दिया था। बिहार बोर्ड 10वीं की परीक्षा में 81.11% बच्चे पास हुए हैं।
हालांकि, इस बार लड़कों का पासिंग पर्सेंटेज लड़कियों से बेहतर रहा। 83.65% लड़के पास हुए, जबकि सिर्फ 80.67% लड़कियां ही पास हो पाईं हैं।
15 लाख स्टूडेंट्स ने दिया था एग्जाम
इस साल बिहार बोर्ड 10वीं के एग्जाम 15 से 25 फरवरी के बीच हुए थे और 15 लाख स्टूडेंट्स ने ये एग्जाम दिया था। एग्जाम में चीटिंग जैसी घटनाओं को रोकने के लिए इस साल एग्जामिनेशन सेंटर के 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लगाई गई थी।
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