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बांग्लादेश का अडाणी पर बिजली समझौते के उल्लंघन का आरोप: रॉयटर्स का दावा- भारत से मिलने वाला टैक्स प्रॉफिट रोका


ढाकाकुछ ही क्षण पहले

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अमेरिका में रिश्वत देने के आरोप में घिरे अडाणी ग्रुप की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारतीय बिजनैसमेन गौतम अडाणी की कंपनी अडाणी पॉवर पर अरबों डॉलर के बिजली समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस समझौते के तहत आने वाले पॉवर प्लांट को भारत से मिलने वाली टैक्स प्रॉफिट की मदद को अडाणी पॉवर ने रोक रखा है।

बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने 2017 में अडाणी पॉवर के साथ बिजली की खरीद को लेकर समझौता किया था। इस समझौते के तहत अडाणी पॉवर झारखंड में मौजूद अपने पॉवर प्लांट से बांग्लादेश को बिजली सप्लाई करनी थी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश इस समझौते पर फिर बातचीत करना चाह रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक इस प्लांट से मिल रही बिजली दूसरे प्लांट्स की तुलना में मंहगी है। रायटर्स ने अपनी रिपोर्ट में डील से जुड़े दस्तावेजों और 7 अधिकारियों के इंटरव्यू का हवाला दिया है।

अंतरिम सरकार की तर्क है शेख हसीना ने ये समझौता बिना किसी टेंडर के अडाणी को सौंप दिया था।

अडाणी पॉवर को भुगतान में देरी कर रहा बांग्लादेश

बांग्लादेश को अडाणी पॉवर ने जुलाई 2023 में बिजली की सप्लाई शुरू कर दी थी। हालांकि बांग्लादेश बिजली बिल का भुगतान नहीं कर रहा है। ढाका पर सैकड़ों मिलियन डॉलर का भुगतान बकाया है। रॉयटर्स से बात करते हुए बांग्लादेश के ऊर्जा मंत्री ने मोहम्मद फैजल कबीर ने कहा कि देश में अब अडाणी की बिजली के बिना भी काम चलाने के लिए क्षमता है।

अडाणी पॉवर ने पहले ही बकाया बिल के चलते बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति आधी कर दी है। अडाणी पॉवर के मुताबिक बांग्लादेश पर 846 मिलियन डॉलर यानी करीब 7200 करोड़ रूपए का बकाया है। अडाणी पॉवर के इस कदम के बाद बांग्लादेश ने भी अपनी मांग को आधा कर दिया था।

2017 में बांग्लादेश और अडाणी पॉवर के बीच हुआ ये समझौता 25 साल के लिए हैं। इसके तहत अडाणी पॉवर झारखंड स्थित पॉवर प्लांट की 2 यूनिट से बिजली सप्लाई कर रहा है।

इस प्लांट की क्षमता 1600 मेगावाट की है।

अमेरिका में अडाणी पर रिश्वत को लेकर मामला दर्ज

अमेरिका के न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट 24 अक्टूबर को रिश्वत को लेकर केस दर्ज हुआ था। इसमें आरोप लगाया था कि अडाणी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपए) की रिश्वत दी या देने की योजना बना रहे थे।

यह पूरा मामला अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ है। 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में यह केस दर्ज हुआ था। बुधवार यानी 20 नवंबर को इसकी सुनवाई में गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी, विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल को आरोपी बनाया गया है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडाणी और सागर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है। सागर अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी हैं।

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