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बारिश के मौसम में सड़क की हालत खराब: भागलपुर में ग्रामीणों को नहीं मिल रहा शुद्ध पीने का पानी, DDC को शिकायत की – Bhagalpur News


भागलपुर के बिहपुर प्रखंड स्थित हरियो गांव में विकास की स्थिति ठीक नहीं है। गांव में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। यहां न तो पक्की सड़क है और न ही शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है। स्थानीय निवासियों के अनुसार बरसात के मौसम में गांव पूरी तरह से कट जाता है।

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आंगनबाड़ी केंद्र नियमित रूप से नहीं खुलते, जिससे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषण नहीं मिल पाता है। स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से ग्रामीणों को इलाज के लिए कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।

मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी नल-जल योजना की स्थिति भी गांव में खराब है। पाइपलाइन बिछाई गई है, लेकिन या तो पानी आता नहीं है या गंदा पानी आता है। कई घरों में अभी तक नल कनेक्शन नहीं दिए गए हैं। ग्रामीण अब भी पीने के पानी के लिए कुओं और तालाबों पर निर्भर हैं।

गरीबों को नहीं मिल रहा फायदा

स्वास्थ्य केंद्र और उपकेंद्र या तो बंद रहते हैं या वहां चिकित्सा कर्मी नहीं आते। इससे गरीब परिवारों को स्वास्थ्य सेवाओं का फायदा नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीण सुभाष चौधरी, रतन चौधरी, विश्वजीत चौधरी का कहना है कि विकास योजनाएं सिर्फ कागजों तक सीमित हैं।

गांव वालों का फूटा गुस्सा, डीडीसी को सौंपा गया आवेदन

समस्याओं से तंग आकर गांववासियों ने एकजुट होकर भागलपुर के डीडीसी (उप विकास आयुक्त) प्रदीप कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने अपनी व्यथा बताते हुए मांग की कि गांव को जल्द से जल्द बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएं।

गांव के एक बुजुर्ग ग्रामीण ने बताया, “हमने कई बार स्थानीय वीडियो (ग्राम विकास पदाधिकारी) से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब उम्मीद है कि जिला स्तर पर बात पहुंचने से कुछ हल निकलेगा।

डीडीसी प्रदीप कुमार सिंह ने इस मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुए भरोसा दिलाया कि बहुत जल्द एक टीम गांव का दौरा करेगी और सभी समस्याओं की रिपोर्ट बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि “हरियो गांव को जल्द ही सड़क, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी सुविधाओं से जोड़ा जाएगा।

प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है।” साथ ही उन्होंने कहा कि बहुत जल्द एक पांच सदस्य टीम बनाई जाएगी और यह भी विचार किया जाएगा कि आखिर अभी तक इस गांव में किसी भी तरह की मूलभूत सुविधाएं क्यों उपलब्ध नहीं है।

सरकारी दावों और जमीनी सच्चाई में फर्क

हरियो गांव की स्थिति यह दर्शाती है कि सरकारी योजनाएं कागजों पर तो पूरी होती हैं। लेकिन असल जिंदगी में उनका असर नहीं दिखता। मामला केवल हरियो गांव का नहीं है, बल्कि बिहार के कई इलाकों में ऐसी ही विकासहीनता देखने को मिलती है।

सरकार को चाहिए कि वह ऐसी परियोजनाओं की केवल उद्घाटन नहीं करे, बल्कि उनकी निगरानी और निष्पादन पर भी ध्यान दे, ताकि योजनाओं का असली फायदा ग्रामीणों तक पहुंच सके।



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