प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के लीगल एडवाइजर वासिद खान को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है। NIA के बाद अब जबलपुर हाईकोर्ट ने भी वासिद की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस विवेक अग्रवाल की डिवीजन बैंच ने गुरुवार को याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला स
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इससे पहले भोपाल की एनआईए कोर्ट ने भी वासिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। वासिद खान पर आरोप है कि वो भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की मंशा से समाज में वैमनस्य फैला रहा था। उसके पास से आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए थे। एनआईए ने फरवरी 2023 में आरोपी वासिद खान सहित 4 आरोपियों को प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से गिरफ्तार किया था। आरोपी पीएफआई का फायनेंस और लीगल मैनेजमेंट संभालते थे। एटीएस ने प्रदेश के अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार चारों आरोपियों से लगातार पूछताछ की। एटीएस ने ही चारों के फाइनेंस और लीगल मैनेजमेंट देखने का खुलासा किया था।
सबके जिम्मे थे अलग-अलग काम
पीएफआई संगठन में चारों ही आरोपी सक्रिय सदस्य थे। सभी के काम अलग-अलग बंटे हुए थे। गुलाम नबी उर्फ साजिद खान को भोपाल से गिरफ्तार किया गया था। गुलाम नबी इंदौर का रहने वाला है। गुलाम नबी PFI प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल करीम बेकरीवाले का करीबी है। नबी को पीएफआई का फाइनेंस मैनेजर बताया जाता है। गुलाम नबी पर भड़काऊ भाषण देने के भी आरोप हैं।
आरोपी परवेज खान को महाराष्ट्र के औरंगाबाद से गिरफ्तार किया गया था। इसके साथ ही आरोपी वासिद खान पीएफआई की लीगल विंग संभालता था। आरोपी गुलाम रसूल संगठन के कई पदाधिकारियों के संपर्क में था। रसूल पर मध्यप्रदेश में जिहाद के लिए युवाओं को उकसाने का आरोप हैं।