साइबर क्राइम से निबटने और अपराधियों की नकेल कसने के लिए बिहार पुलिस ने वर्टिकल स्टैंड लिया है। इसके तहत साइबर आईजी की पोस्टिंग हुई। अब डीआईजी, तीन एसपी और साइबर सिक्योरिटी एसपी के पद भी सृजित होंगे। साइबर विंग की अलग बिल्डिंग बनेगी। डिजिटल अरेस्ट जैस
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एडीजी हेडक्वार्टर कुंदन कृष्णन ने सोमवार को बताया कि साइबर विंग की अलग बिल्डिंग का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। इस बिल्डिंग में साइबर अपराध से निबटने से संबंधित सारी सुविधाएं होंगी। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि इधर डिजिटल अरेस्ट के मामले ज्यादा बढ़ गए हैं। कुल 301 रिपोर्ट हुई हैं। इसमें करीब 10 करोड़ की राशि का गबन हुआ। 1.05 करोड़ की राशि होल्ड कराई गई है।
स्लेवरी डेस्क से 8 ट्रैवल एजेंट्स चिह्नित, विदेश में फंसे हैं राज्य के 374 लोग
आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी सुनील कुमार ने बताया कि साइबर स्लेवरी डेस्क की ओर से बिहार के 374 व्यक्तियों की सूची का सत्यापन किया जा रहा है। ये ऐसे लोग हैं जो दक्षिण-पूर्वी एशिया के देशों, जैसे लाओस, कंबोडिया, वियतनाम, म्यांमार, थाईलैंड आदि देशों में वीजा लेकर गए और वीजा की अवधि समाप्त होने के बावजूद स्वदेश नहीं लौटे हैं। इनमें से कई ऐसे हैं, जो उन देशों में चलाए जा रहे अवैध कॉल सेंटरों में फंस गए हैं। इस धंधे में लिप्त 8 ट्रैवेल एजेंट्स को चिह्नित किया गया है।
क्या है साइबर कमांडो : गृह मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से एक समर्पित साइबर कमांडो विंग में राज्य के चुनिंदा कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण के लिए आईआईटी, एनआईटी एवं अन्य संस्थानों में भेजा जाएगा।
साइबर सुरक्षा की आगे की कार्य योजना
- पुलिस मुख्यालय के अंतर्गत एक समर्पित साइबर प्रभाग के गठन का प्रस्ताव विचाराधीन है।
- आर्थिक अपराध इकाई में स्टेट ऑपरेशन सेंटर की स्थापना का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है।
- साइबर कांडों के वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए दो साइबर विधि-विज्ञान प्रयोगशाला मंजूर।