Homeदेशबेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर डिजिटल अरेस्ट, 11 करोड़ वसूले: TRAI अधिकारी...

बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर डिजिटल अरेस्ट, 11 करोड़ वसूले: TRAI अधिकारी बनकर कॉल की; आधार-सिम के फर्जी इस्तेमाल की जानकारी देकर डराया


बेंगलुरु4 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर को ठगों ने करीब एक महीने तक ब्लैकमेल किया।

बेंगलुरु के हेब्बल में 39 साल के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुए। ठगों ने उन्हें डरा-धमकाकर 11.8 करोड़ रुपये वसूल लिए। बाद में शक होने पर इंजीनियर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

मामला एक महीने पुराना है। पुलिस को दिए बयान के मुताबिक शख्स ने 25 नवंबर से 12 दिसंबर के बीच पैसे गंवाए। ठगों ने इंजीनियर को TRAI (टेलिकॉम रेगुलेरिटी ऑफ इंडिया) अधिकारी बनकर कॉल किया था और आधार-सिम के फर्जी इस्तेमाल की जानकारी देकर डराया था।

जानिए पूरा मामला क्या है

11 नवंबर को पहली कॉल आई, TRAI अधिकारी बनकर धमकाया सॉफ्टवेयर इंजीनियर विक्रम (बदला हुआ नाम) को 11 नवंबर को सुबह करीब 10.30 बजे मोबाइल नंबर 8791120931 से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को TRAI का अधिकारी बताया और विक्रम से कहा कि उसके नाम से खरीदे गए सिम कार्ड का इस्तेमाल अवैध विज्ञापनों और धमकी भरे मैसेजों के लिए किया जा रहा है।

जालसाज ने उन्हें बताया कि इसके लिए उनके आधार का इस्तेमाल किया गया है। फिलहाल अब उनके सिम को ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और मुंबई के कोलाबा साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।

दूसरी कॉल फर्जी पुलिस अधिकारी ने की, मनी लॉन्ड्रिंग के केस में डराया कुछ दिनों बाद एक दूसरे ठग ने मोबाइल नंबर 7420928275 से इंजीनियर से संपर्क किया और खुद को पुलिस अधिकारी बताया। उसने विक्रम से कहा कि उसके आधार का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए बैंक अकाउंट खोलने में किया गया है।

उन्होंने विक्रम को चेतावनी दी कि वह अपने परिवार सहित किसी को भी कॉल के बारे में न बताएं, क्योंकि धोखाधड़ी में प्रभावशाली व्यक्ति शामिल हैं, जो पहले से ही मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में गिरफ्तार हैं। ठगों ने इंजीनियर को वर्चुअल जांच में सहयोग न करने पर फिजिकली अरेस्ट करने की धमकी दी थी।

इंजीनियर को स्काइप ऐप डाउनलोड करने को कहा गया इंजीनियर को आखिर में तीसरी बार एक और कॉल आया। जालसाजों ने उससे स्काइप ऐप डाउनलोड करवाया। इसके बाद, पुलिस की वर्दी में एक व्यक्ति ने वीडियो कॉल किया, जिसमें उसने मुंबई पुलिस से होने का दावा किया।

उसने आरोप लगाया कि व्यवसायी नरेश गोयल ने विक्रम के आधार का उपयोग करके केनरा बैंक में खाता खोला और लगभग 6 करोड़ रुपये का लेनदेन किया।

25 नवंबर को, एक अन्य नकली पुलिस अधिकारी ने विक्रम से स्काइप पर संपर्क किया, और दावा किया कि उसके खिलाफ मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है।

अकाउंट वैरिफाई के नाम पर करोड़ों रुपये ट्रांसफर करवाए ठगों ने इंजीनियर से कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशानिर्देशों के अनुसार, उन्हें उसके बैंक अकाउंट के लेन-देन को सत्यापित करने की आवश्यकता है। वैरिफिकेशन के लिए इंजीनियर से पैसे ट्रांसफर करने को कहा गया।

गिरफ्तारी के डर से, विक्रम ने पहले एक बैंक अकाउंट में 75 लाख रुपये और बाद में 3.41 करोड़ रुपये दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दिए। 12 दिसंबर तक, उन्होंने ठगों के विभिन्न अकाउंट में 11.8 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए थे। जब धोखेबाजों ने और पैसे मांगे तब विक्रम को अहसास हुआ कि कुछ गड़बड़ है। 12 दिसंबर को इंजीनियर ने पुलिस में शिकायत की। जांच जारी है।

ये खबर भी पढ़ें…

न्यूड कॉल, ब्लैकमेलिंग…अब डिजिटल अरेस्टिंग: ठगों का नया फॉर्मूला…इंजीनियर महिला को 8 घंटे उलझाया

साइबर ठगों ने न्यूड कॉल और ब्लैकमेलिंग के बाद डिजिटल अरेस्ट का नया तरीका ढूंढ निकाला है। मोबाइल और इंटरनेट यूज करने वालों के लिए ‘डीपफेक’ और ‘डिजिटल अरेस्ट’ सबसे नए खतरे हैं। इनसे निपटने के पुख्ता तरीके किसी को नहीं पता। पढ़ें पूरी खबर…

खबरें और भी हैं…



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version