बैतूल में गुरुवार शाम 7 बजे से होलिका दहन का कार्यक्रम शुरू हुआ। कोठी बाजार इलाके में 80 और गंज थाना क्षेत्र में 70 स्थानों पर होलिका दहन किया गया। इन स्थानों में दोनों थाना क्षेत्रों के ग्रामीण इलाके भी शामिल थे।
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सबसे पहले भारत के पांचवें धाम श्री रुक्मिणी बालाजी मंदिर बालाजीपुरम में विशेष उत्सव के साथ होलिका दहन हुआ। मंदिर परिसर में होलिका की गोद में भक्त प्रहलाद को बिठाया गया था। शाम से ही यहां लोगों की भीड़ जमा होने लगी थी।
मंदिर के देवी-देवताओं की पालकी यात्रा भी निकाली गई।
भगवान की पालकी यात्रा निकाली गई
होलिका दहन से पहले राक्षसी सेना ने मशाल जुलूस निकाला। होलिका में आग लगाने के बाद भक्त प्रहलाद को बाहर निकाला गया। इसके बाद पूजा-अर्चना की गई। मंदिर के सभी देवी-देवताओं की पालकी यात्रा भी निकाली गई।
मंदिर संस्थापक सेम वर्मा और उनकी पत्नी जय देवी वर्मा ने भगवान की पूजा-अर्चना की। भगवान को गुलाल लगाया गया। मौजूद भक्तों ने भी एक-दूसरे पर गुलाल लगाया और होली की बधाई दी। बैतूल के करीबी गांव खेड़ी के बाजार चौक में दो होलिकाएं बनाई गईं। एक लकड़ी की और दूसरी कंडे की होली का पूजन किया गया।