लखनऊ के प्रमुख चौराहों पर हो रही बाल भिक्षावृत्ति को जड़ से खत्म करने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को डीएम विशाख जी की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में टास्क फोर्स और स्वैच्छिक संगठनों को अभियान को और प्रभावी
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बड़ी बातें एक नज़र में
- जिला टास्क फोर्स को नियमित भ्रमण और निगरानी के निर्देश
- बच्चों को स्कूलों में दाखिला और योजनाओं से जोड़ने पर फोकस
- बार-बार संलिप्त पाए जाने वालों पर FIR दर्ज करने के आदेश
- नशा प्रभावित बच्चों को पुनर्वास केंद्र भेजने के निर्देश
- समाजसेवियों के ज़रिए मीडिया पर जनजागरूकता अभियान चलाने की तैयारी
कहां-कहां पर नजर रखी जाएगी?
हजरतगंज, सिकंदरबाग, बर्लिंग्टन चौराहा, हुसैनगंज, चारबाग, अवध चौराहा, आलमबाग, फीनिक्स मॉल, इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, अलीगंज, इंजीनियरिंग कॉलेज, अर्जुनगंज, तेलीबाग, भूतनाथ, लालबत्ती, बंदरिया बाग जैसे कुल 17 चिन्हित चौराहों पर होगी निगरानी।
जिलाधिकारी ने क्या कहा?
डीएम ने कहा कि यह “सिर्फ एक अभियान नहीं, बच्चों का भविष्य संवारने की जिम्मेदारी है। सभी विभाग और संस्थाएं इसमें सक्रिय भूमिका निभाएं।”
टीमों के लिए तय हुआ समय
- सुबह 8:30 बजे से 11:30 बजे तक
- शाम 4:30 बजे से 7:30 बजे तक
- टीमें इन समयों में अपने-अपने निर्धारित ड्यूटी स्थलों पर जाकर चौराहों की निगरानी करेंगी। शिक्षा और पुनर्वास पर जोर
- चिन्हित बच्चों को ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों की मदद से पास के सरकारी स्कूलों में कराया जाएगा दाखिला
- पात्र बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना व स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ा जाएगा
- नशे की चपेट में आए बच्चों के लिए नशा मुक्ति केंद्रों की सूची बनाकर मैपिंग होगी
जनजागरूकता अभियान भी चलेगा
- रेडियो और अखबारों के माध्यम से आमजन से अपील की जाएगी कि वे बच्चों को भीख न दें
- प्रतिष्ठित नागरिकों और समाजसेवियों से अपील करवाने के लिए विशेष सत्र कराए जाएंगे
बैठक में मौजूद रहे ये अधिकारी
मुख्य विकास अधिकारी, अपर नगर मजिस्ट्रेट (प्रथम, द्वितीय, पंचम, सप्तम), समाज कल्याण अधिकारी, प्रोबेशन अधिकारी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, बेसिक शिक्षा अधिकारी, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट प्रभारी, वन स्टॉप सेंटर, चाइल्ड हेल्पलाइन व कई स्वयंसेवी संगठन।