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भोपाल का चौंकाने वाला केस, घर से गायब हुआ पति: इंग्लिश मैसेज से मिला क्लू, पत्नी पहुंची थाने तो निकली खौफनाक कहानी – Madhya Pradesh News


“मैं संगीता मीणा 7 दिसंबर 2021 की सुबह अपने पति को ढूंढ रही थी। वो घर से अचानक लापता हो गए थे। उनका कहीं पता नहीं चल रहा था। आसपास ढूंढने पर जानकारी मिली कि वह गांव के लोगों के साथ कहीं गए हैं। वक्त बीतता गया, लेकिन पति का कुछ पता नहीं चला। काफी देर

.

ये बात संगीता मीणा ने अपने बचाव में कोर्ट में कही। वहीं दूसरी ओर पुलिस का कहना था कि महिला खुद सरेंडर करने आई थी और अब सरासर झूठ बोल रही है।

मध्यप्रदेश क्राइम फाइल्स में इस बार बात भोपाल के चर्चित धनराज मीणा केस की। आखिर कौन सच बोल रहा था- संगीता या पुलिस? धनराज का असली कातिल कौन था? धनराज की हत्या क्यों की गई?

पढ़िए इस रिपोर्ट में-

पहले धनराज के बारे में जान लीजिए

39 वर्षीय धनराज मीणा सीहोर जिले में रहते थे । वो हॉर्टिकल्चर में इस्तेमाल होने वाले पाइप का बिजनेस करते थे। साल 2014 में धनराज भोपाल के कटारा हिल्स इलाके के सागर गोल्डन पार्क में पत्नी संगीता, बेटे आयुष और बेटी के साथ शिफ्ट हो गए और यहीं रहने लगे। सब कुछ अच्छा चल रहा था। पड़ोसियों से भी धनराज का अच्छा व्यवहार था। कॉलोनी में सभी से वो बातचीत करते थे।

एक दिन अचानक धनराज गायब, इंग्लिश में मैसेज भेजा

7 दिसंबर 2021 की सुबह अचानक धनराज मीणा गायब हो गए। कुछ समय पहले पत्नी संगीता की बहन शोभा भी धनराज के घर आकर रूकी थीं। इस दिन धनराज की भतीजी सरिता अपने भाई गोविंद से मिलने लाहरपुर गई हुई थी।

दोपहर करीब 12 बजे संगीता की बहन शोभा ने धनराज की भतीजी सरिता को फोन करके कहा कि तुम्हारे चाचा-चाची घर पर नहीं हैं। कुछ बता कर भी नहीं गए हैं। शोभा ने सरिता से कहा कि दीदी संगीता सुबह घूमने गई थीं, लेकिन जीजा धनराज कब गए, उसे नहीं पता।

सरिता ने शोभा से कहा कि चाचा आसपास में ही कहीं बैठे होंगे, आ जाएंगे। इसके बाद सरिता ने चाचा के दोनों मोबाइल नंबरों पर कॉल किया। दोनों मोबाइल नंबर बंद आ रहे थे। सरिता ने फिर चाचा के दोस्त अरविंद कुमार को फोन किया। उन्होंने सरिता को बताया कि धनराज मीणा का वॉट्सऐप मैसेज सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर आया था। जिसमें लिखा था कि –

“गांव के कुछ लोग आए हुए हैं तो मैं उनके साथ जा रहा हूं और शाम तक वापस आउंगा।”

सरिता ने वॉट्सऐप मैसेज को अरविंद अंकल से अपने मोबाइल पर भेजने करने के लिए कहा। मैसेज अंग्रेजी में था।

यह देखते ही सरिता चौंकी। उसके मुंह से निकला–चाचा को इंग्लिश में टाइपिंग नहीं आती।

सरिता ने अरविंद अंकल से कहा कि वो चाचा के घर जाकर देखे। कहीं चाचा और चाची के बीच झगड़ा तो नहीं हो गया। इस वजह से चाचा ने अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया हो। सरिता ने बड़ी बुआ उर्मिला जो प्राइड सिटी कॉलोनी में रहती थी उसे फोन किया। पूछा की चाचा-चाची आए हैं क्या तो बुआ ने भी मना कर दिया।

सरिता चाचा-चाची के घर के लिए निकल गई। जब सरिता चाचा के घर पहुंची तो देखा की वहां चाची संगीता की बहन शोभा थी। चाचा के दोनों बच्चे बेटा आयुष और बेटी सोनम दोनों रो रहे थे। उसने दोनों बच्चों को चुप कराया और फिर बच्चों और शोभा को बुआ उर्मिला के घर पहुंचा दिया।

सरिता ने चाची का पीछा किया तो देखा कि चाची कटारा हिल्स थाने जाकर रुक गई। थाने पर पहले से फूफा धनसिंह मौजूद थे जो चाचा धनराज की गुमशुदगी दर्ज कराने गए थे। सरिता भी बुआ उर्मिला को लेकर थाने पहुंच गई।

बेटा बोला- सुबह मम्मी ने उठाया था, मगर पापा कहां गए पता नहीं

इससे पहले चाचा धनराज के 14 साल के बेटे आयुष से सरिता बातचीत कर चुकी थी। उसने बताया था कि वह 6 दिसंबर 2021 की रात करीब 9 बजे छोटी बहन सोनम और मौसी शोभा के साथ सो गया था। घर पर मां संगीता, पापा धनराज भी मौजूद थे। पापा-मम्मी अपने कमरे में जाकर सो गए थे।

अगले दिन सुबह उसकी मां ने उसे उठाया और कहा कि जल्दी से परीक्षा देने चले जाओ। तब उसने कहा कि आज उसकी परीक्षा नहीं है, सोनम की परीक्षा है। फिर वो नाश्ता करने के बाद खेलने चला गया। जब वह खेलकर 12 बजे आया तो देखा माता-पिता घर पर नहीं हैं।

पड़ोसी इंजीनियर आशीष पांडे की एंट्री

इसी बीच धनराज के पड़ोसी आशीष पांडे के चचेरे भाई विकास पांडे के पास चाचा अमरीश पांडे का फोन आया। विकास दोपहर के समय घर पर ऑनलाइन मीटिंग कर रहा था। चाचा अमरीश ने विकास से कहा कि कटारा हिल्स थाने के दो पुलिस वाले आए हैं और टीआई साहब ने आशीष को थाने में बुलाया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह उसे अकेला थाने नहीं भेजना चाहते हैं, तुम उसके साथ चले जाओ।

विकास जिस मीटिंग में व्यस्त था, उसे होल्ड पर रखा और आशीष के घर के लिए निकला। वहां पहुंचने पर आशीष उसे वहीं पर अपनी कॉलोनी के मेन गेट पर कार में बैठा हुआ मिला। फिर उसने अपनी गाड़ी वहीं पार्क कर दी और आशीष के साथ जाकर उसकी कार में बैठ गया। उसके बाद आशीष कार चलाकर ले गया और दोनों आशीष की कार से थाना कटारा हिल्स पहुंचे। थाना परिसर में गाड़ी पार्क कर दोनों थाने के अंदर गए।

थाने के बाद घर नहीं पहुंचा आशीष

विकास ने टीआई से पूछा कि आशीष को आपने बुलाया था क्या बात है। तब उन्होंने कहा कि ऐसी कोई खास बात नहीं है, थोडी देर में वह उससे बात करेंगे और रूकने के लिए कहा। 15-20 मिनट इंतजार करने के बाद उसने फिर पूछा कि बात तो बताइए, बात क्या है। तब टीआई ने कहा कि थोड़ा रुकिए वह आशीष से अलग से बात करेंगे। 15-20 मिनट उन्होंने फिर इंतजार किया। जब कोई बात करने नहीं आया तब उसने वापस से टीआई को बोला कि बात तो बताइए, बात क्या है। वह अपना काम बीच में छोड़कर आया है। तब उन्होंने कहा कि ऐसी कोई खास बात नहीं है, आप जाकर अपना काम खत्म कर लीजिए। वह आशीष से बात कर लेंगे।

विकास को सब कुछ सामान्य ही लग रहा था, लेकिन अभी तक ये पता नहीं चला था कि हुआ क्या है। उस समय विकास वहां से चला गया और आशीष से कहा कि जो भी स्थिति हो बताना। शाम को करीब 7 से 7:15 बजे के आसपास आशीष के पिता का विकास के पास फोन आया कि आशीष अभी तक लौटा नहीं है।

आखिर सच क्या है?

– क्या संगीता सच में रिपोर्ट लिखवाने आई थी या कुछ छिपा रही थी?

– क्या आशीष पांडे सिर्फ एक दोस्त था, या कहानी में उसका कोई और रोल है?

– और धनराज… आखिर वो गया कहां था?

क्राइम फाइल्स के पार्ट- 2 में जानिए इन सवालों के जवाब

– पड़ोसी आशीष को पुलिस ने थाने में क्यों बुलाया?

– लापता धनराज कहां और किस हालत में था?

– पुलिस कैसे पहुंची इस केस की तह तक?

– संगीता, आशीष और शोभा की क्या भूमिका रही?

– कैसे गुमशुदगी का ये मामला बना भोपाल का सबसे सनसनीखेज केस?



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