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मानसून आगे बढ़ सकता है…लोकल सिस्टम से होगी बारिश: रायपुर-दुर्ग समेत 20 जिलों में अलर्ट, बिलासपुर-महासमुंद में बिजली गिरेगी; 50 किमी रफ्तार से हवा चलेगी – Chhattisgarh News


रायपुर में आधे घंटे की बारिश में जयस्तंभ चौक के पास पानी भर गया था।

छत्तीसगढ़ में आज से बारिश से जुड़ी एक्टिविटी में तेजी आएगी। मौसम विभाग ने आज 16 जिलों में यलो और 4 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में 50 से 60 किमी की रफ्तार से हवा चल सकती है। बिजली गिर सकती है। कहीं-कहीं बौछारें पड़ सकती है।

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वहीं पिछले कुछ दिनों से बस्तर में अटका हुआ मानसून दो दिनों में आगे बढ़ सकता हैं। मौसम विभाग के अनुसार इसके लिए फेवरेबल कंडीशन बन रहे हैं। ऐसा होता है तो 16 या 17 जून तक मानसून के रायपुर पहुंचने के आसार बनते हुए दिख रहे हैं। फिलहाल बारिश के ये हालत लोकल सिस्टम की वजह से बन रहे हैं।

इससे पहले रायपुर में लंबे ब्रेक के बाद मंगलवार शाम को अच्छी बारिश हुई थी। आधे घंटे की बरसात से शहर के कई इलाकों में जल भराव हो गया। विधानसभा इलाके में ब्लैक आउट की स्थिति बन गई। हालांकि ये बारिश लोकल सिस्टम के असर से हुई थी।। बुधवार को भी प्रदेश के 10 जिलों में औसतन 25 MM बारिश हुई है।

पहले बारिश की ये तस्वीर देखिए-

रायपुर में शाम होते ही जोरदार बारिश हुई है। सड़कों पर पानी भरने से राहगीर परेशान होते रहे।

अवंती विहार में कल शाम तेज आंधी तूफान में टीन का शेड उड़कर ट्रांसफॉर्मर पर आकर अटक गया।

जून में अब तक आधे से ज्यादा जिले सूखे

जून में अब तक प्रदेश के आधे से ज्यादा जिले सूखे की स्थिति में हैं। ये महीना बारिश के लिहाज से छत्तीसगढ़ के लिए खास नहीं रहा। ऐसा इसलिए क्योंकि 16 दिन पहले मानसून आने के बाद भी प्रदेश में पिछला एक सप्ताह ड्राई रहा। सिर्फ कुछ जगहों पर ही हल्की से मध्यम बारिश रिकॉर्ड की गई।

जून में अब तक सामान्य से कम बारिश

अब तक की बात करें तो जून में 33 में से 27 जिले (लगभग 82%) में बारिश सामान्य से कम रही है। सिर्फ 6 जिलों में बारिश सामान्य या उससे अधिक रही है। पूरे राज्य में औसतन 51% वर्षा की कमी है, जो सामान्य से कम मानी जाती है। इस समय मानसून की स्थिति कमजोर है और स्थिति यही रही, तो खरीफ फसलों पर असर पड़ सकता है।

जून का रहा है यही ट्रेंड

हालांकि मौसम विभाग की माने तो जून का ट्रेंड यही रहा है। शुरूआती 10 से 12 दिन गर्मी बढ़ती है। इसके बाद बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में बनने वाले लो प्रेशर एरिया या चक्रवातों के चलते मानसून सक्रिय हो जाता है। इस बार भी ऐसा ही होने की उम्मीद है। ओवर ऑल बात करें तो जून में अब तक 51% कम बारिश हुई है।

पिछले साल के मुकाबले स्थित बेहतर

हालांकि इस बार की स्थित पिछले साल के मुकाबले बेहतर है। साल 2024 में जून का अधिकतम तापमान 45.7°C था, जो 1 जून को दर्ज किया गया था। जबकि इस साल अधिकतम तापमान अब तक 42 से 43°C के आस-पास ही रहा है। वहीं सबसे कम न्यूनतम तापमान 23.5°C 19 जून को रिकॉर्ड किया गया था।

पिछले साल जून में पूरे महीने के औसत तापमान की बात करें तो 38.6°C रहा था। वहीं न्यूनतम औसतन तापमान 27.7°C दर्ज किया गया था।

मई में 374 फीसदी ज्यादा बारिश हुई थी

पिछले माह लगातार बने सिस्टम और करीब 14 दिन पहले आए मानसून ने पूरे छत्तीसगढ़ में मई महीने में जमकर बारिश कराई। इस दौरान औसत से 373 फीसदी ज्यादा पानी गिर गया। इसके बाद से मानसून पिछले करीब 12 दिनों से ठहरा है। यह आगे ही नहीं बढ़ रहा है।

छत्तीसगढ़ में 22 मई से 28 मई के बीच 53.51 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी है। प्रदेश में मानसून में औसतन 1200 मिलीमीटर पानी बरसता है। पिछले साल 1276.3 MM पानी गिरा था।

सप्ताहभर में थम गया था मानसून

पिछले सात दिन में बारिश की रफ्तार लगातार फ्लेक्चुएट होती रही है। जहां रविवार 1 जून को 33 जगहों पर बारिश हुई। सोमवार को सिर्फ तीन जगहों और मंगलवार को केवल एक ही जगह पर बारिश हुई। वहीं 4 जून बुधवार और 5 जून गुरुवार को कहीं भी बारिश नहीं हुई।

शुक्रवार यानी 6 जून को पांच जिलों में बारिश हुई। वहीं शनिवार को सिर्फ एक और रविवार यानी 8 जून को चार जिलों में ही बारिश रिकॉर्ड की गई। सोमवार को केवल बस्तर जिले और मंगलवार को केवल दो जिलों में बारिश हुई। वहीं 11 जून को 10 जिलों में न्यूनतम 10 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।

गरज-चमक, बिजली और ओले गिरने के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

  • गड़गड़ाहट सुनने के बाद घर के अंदर जाए या सुरक्षित पक्के आश्रय में रहें ।
  • अगर कोई आश्रय उपलब्ध नहीं है तो तुरंत उखडू बैठ जाएं।
  • पेड़ों के नीचे न ठहरें।
  • बिजली लाइन से दूर रहें।
  • इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग न करें।

प्रदेश के बदलते तापमान को दो इंफोग्राफिक से समझिए

लंबा रह सकता है मानसून

मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून है। इस साल 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल पहुंच गया। मानसून के लौटने की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर है। अगर इस साल अपने नियम समय पर ही लौटता है तो मानसून की अवधि 145 दिन रहेगी।

इस बीच मानसून ब्रेक की स्थिति ना हो तो जल्दी आने का फायदा मिलता सकता है।



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