भास्कर न्यूज | अमृतसर मेयर चुनाव को लेकर चल रहे विवाद में अब नया मोड़ आ गया है। कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा और कुलदीप सिंह धालीवाल ने 4 अकाली पार्षदों का सपोर्ट मिलने पर 44 वोट के साथ मेयर-सीनियर डिप्टी मेयर बनाने का दावा किया था। मगर मेयर चुनाव के 34
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इनमें वार्ड 68 से भाजपा पार्षद विकास गिल तो दूसरे वार्ड 43 से अकाली दल के पार्षद इंदरजीत सिंह पंडोरी का नाम शामिल है। जबकि आप के सीनियर नेताओं ने दावा किया था कि शिरोमणि अकाली दल के 4 पार्षदों का समर्थन मिला है। मगर अकाली पार्षद की ओर से अब शपथ ग्रहण करने पर कांग्रेस पार्षदों की ओर से आप पर धक्केशाही करने का आरोप सच साबित होता नजर आ रहा है।
27 जनवरी को आप ने जतिंदर मोती भाटिया को मेयर तो प्रियंका शर्मा को सीनियर डिप्टी मेयर बनाया। वहीं 28 जनवरी को मंत्री धालीवाल ने मेयर की ताजपोशी कर दी थी। शहर को मेयर मिले 35 दिन बीत चुके है मगर हाउस की मीटिंग नहीं बुलाई जा सकी है। डवलपमेंट कामों को लेकर सिर्फ वादे-दावे ही चले आ रहे हैं। इधर कांग्रेस पार्षद आरोप लगा चुके कि बिना एजेंडा पास निगम की तरफ से टेंडर लगाए जा रहे हैं। एक कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाकर सीएम-मुख्य सचिव-वििजलेंस व अन्य उच्च अफसरों को शिकायतें भेज चुके।
लोकल बॉडीज विधानसभा कमेटी की मीटिंग बीते 3 मार्च को हुई जिसमें कूड़े से लेकर सीवरेज व अन्य मुश्किलें सामने आ चुकीं। लेकिन इसके बाद भी हाउस की मीटिंग कब तक बुलाई जाएगी कुछ पता नहीं है। बता दें कि कांग्रेस पार्षद विकास सोनी ने बीते 28 जनवरी को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि आप पार्टी ने धक्केशाही से अपना मेयर बनाया है। चुनाव रद्द कराया जाए। 29 जनवरी को हाईकोर्ट की डबल बेंच ने इस मामले की पहली सुनवाई की थी।
11 फरवरी को नोटिस ऑफ मोशन अपलोड हुआ। ऑर्डर में अगली सुनवाई 21 अप्रैल निर्धारित की गई। पार्षद विकास सोनी के वकीलों ने जल्द सुनवाई की अपील की। जिसके बाद 20 फरवरी को सुनवाई हुई और बाद 27 फरवरी को डेट मिली। वहीं कोर्ट ने अब सरकार को दाखिल करने के लिए 17 मार्च की डेट दी है।