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युक्तियुक्तकरण…रिलीव नहीं होने वाले शिक्षकों को राहत: हाईकोर्ट बोला- 3 दिन में जिला स्तरीय समिति के समक्ष दें रिपोर्ट; 16 जून तक समिति करेगी निर्णय – Bilaspur (Chhattisgarh) News


युक्तियुक्तकरण में अनियमितता, 70 याचिकाओं पर हुई सुनवाई।

युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर दायर 70 याचिकाओं पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की बेंच ने मामले में शिक्षकों को आंशिक राहत देते हुए 3 दिन के अंदर जिला स्तरीय समिति के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करने कहा है।

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वहीं, समिति को इस पर 16 जून तक निर्णय लेने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने साफ किया है कि यह राहत केवल उन शिक्षकों को मिलेगी, जिन्होंने युक्तियुक्तकरण के बाद अब तक नई पदस्थापना पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया है।

जिन शिक्षकों ने नई जगह पर ज्वाइन कर लिया है, उनके लिए यह राहत लागू नहीं होगी, लेकिन वे भी जिला जिला स्तरीय समिति के समक्ष अपना पक्ष अभ्यावेदन के माध्यम से रख सकते हैं।

दरअसल, युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में प्रदेश के हर जिले में बड़े पैमाने पर अनियमितता सामने आई। जिसके बाद भी जिला स्तरीय समिति ने शिक्षकों का पक्ष नहीं सुना और सीधे काउंसिलिंग कर उन्हें अतिशेष बताकर नई पोस्टिंग आदेश जारी कर दिया। लिहाजा, प्रदेश भर के शिक्षकों ने हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर की है।

युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के दौरान शिक्षकों की मौजूदगी।

अफसरों ने जमकर की मनमानी, आपत्ति की नहीं हुई सुनवाई

याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखते हुए वकीलों ने बताया कि शिक्षा विभाग के बनाए गए युक्तियुक्तकरण नियमों का पालन नहीं किया गया है। अफसरों ने मनमाने तरीके से अपने मन मुताबिक नियम बनाए हैं, जो अवैधानिक है।

वकीलों ने तर्क दिया कि विभाग ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में कई खामियां छोड़ीं, जैसे शिक्षकों को दावा-आपत्ति का अवसर न देना, रात में अतिशेष सूची जारी करना, और सुबह काउंसलिंग के लिए बुलाना। जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है।

अधिवक्ताओं ने यह भी तर्क दिया कि युक्तियुक्तकरण नीति कानून सम्मत नहीं है और इसे खारिज किया जाना चाहिए।

युक्तियुक्तकरण के खिलाफ दायर याचिकाओं पर आज फिर सुनवाई होगी।

हाईकोर्ट को वकीलों ने बताए युक्तियुक्तकरण की खामियां।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने युक्तियुक्तकरण के दौरान हुई गड़बड़ी का विस्तृत ब्यौरा कोर्ट के सामने रखा। एक याचिकाकर्ता शिक्षक ने बताया कि वरिष्ठता के बावजूद जूनियर को बचाने के लिए उन्हें अतिशेष घोषित कर दिया गया।

ऐसे ही एक अन्य प्रकरण में 2018 से सेवा दे रहे शिक्षक को 45 किलोमीटर दूर स्थानांतरित कर दिया गया। जबकि उनके विषय के शिक्षक की स्कूल में पहले से आवश्यकता थी। अंग्रेजी, भूगोल पढ़ाने वाले शिक्षक को अतिशेष बताकर नई शिक्षिका को नियुक्त कर दिया गया।

हाईकोर्ट ने तय की समय सीमा, कहा- 16 जून तक करें निराकरण

मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी संभागों के लिए अलग-अलग तिथियां निर्धारित की है। बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर संभाग के शिक्षकों को 13 जून तक अभ्यावेदन देना होगा।

वहीं, जिला स्तरीय समिति को अभ्यावेदन का निराकरण 16 जून तक करना होगा। कोर्ट ने इन जिलों के कलेक्टर को समिति की अध्यक्षता करते हुए इस पूरी प्रक्रिया को निष्पक्षता से पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

300 याचिकाओं पर आज होगी सुनवाई

हाईकोर्ट में प्रदेश भर के शिक्षकों ने हाईकोर्ट की शरण ली है। बुधवार को करीब 70 याचिकाओं की एक साथ सुनवाई की। वहीं, गुरुवार को भी युक्तियुक्तकरण के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई होगी।

बताया गया है कि हाईकोर्ट में 300 से अधिक याचिकाओं पर बहस होगी। युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को लेकर यह लगातार दूसरी बड़ी सुनवाई है, जिसमें बड़ी संख्या में शिक्षक न्यायालय की शरण में पहुंचे हैं।



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