नहाने के बाद हाथी शावक तालाब से बाहर नहीं निकल सका, जिससे उसकी मौत हो गई
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला में आज फिर एक हाथी शावक की मौत हो गई। झुंड के साथ तालाब में नहाने उतरा शावक दब जाने के कारण बाहर नहीं निकल सका। सुबह मामले की जानकारी ग्रामीणों को हुई, तो इसकी सूचना वन अमला को दी गई। घटना छाल वन परिक्षेत्र की है।
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मिली जानकारी के मुताबिक आज सुबह छाल वन परिक्षेत्र के जामपाली के रामकुमार राठिया के निजी तालाब में करीब 8 माह के हाथी शावक का शव देखा गया।
सुबह ग्रामीणों ने शव को देखते ही मामले की जानकारी वन अमला को दी। जहां तत्काल वन कर्मचारी मौके पर पहुंचे और प्रारंभिक जांच किया।
जिसमें पता चला कि इस क्षेत्र में 32 हाथियों का झुंड विचरण कर रहा है और रात में यह दल जंगल से निकलकर चीतामाड़ा तालाब में नहाने के लिए उतरा था। दल में कई शावक भी थे।
उसी में से करीब 8 माह का एक शावक झुंड में दब गया और नहाने के बाद तालाब से बाहर नहीं निकल सका। इससे उसकी मौत हो गई। मामले में शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
घटना की जानकारी मिलने के बाद सुबह मौके पर पहुंचे वनकर्मी व ग्रामीण
आसपास कर रहे विचरण बताया जा रहा है कि 31 हाथियों का झुंड घटना के बाद से आसपास ही विचरण कर रहा है। इसमें कुछ हाथी कक्ष क्रमांक 563 RF तो कुछ 564 RF में विचरण कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि गर्मी के दिनों में अक्सर चीतामाड़ा तालाब में हाथी पानी पीने के लिए पहुंचते हैं।
तालाब से बाहर नहीं निकल सका इस संबंध में छाल रेंज के प्रभारी रेंजर चंद्रविजय सिंह सिदार ने बताया कि रात की घटना हो सकती है। नहाने के बाद हाथी शावक तालाब से बाहर नहीं निकल सका।
तालाब 15-20 फीट गहरा है। शव का पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा। आसपास विचरण कर रहे हाथी दल पर नजर रखी जा रही है।