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रायपुर में दिनदहाड़े 60 लाख की डकैती…VIDEO: पिस्टल लेकर कमांडो ड्रेस में घुसे, नकली इंजेक्शन लगाया; इन 3 थ्योरी पर पुलिस कर रही फोकस – Raipur News


रायपुर में दिनदहाड़े 5 लोगों ने 60 लाख की डकैती की वारदात को अंजाम दिया है। वारदात CCTV कैमरे में कैद हो गई है।

रायपुर में नगरीय निकाय चुनाव के दिन दिनदहाड़े करीब 20 मिनट के अंदर 60 लाख की डकैती की वारदात हुई। डकैत कमांडो ड्रेस पहनकर घर के भीतर घुसे। बुजुर्गों पर पिस्टल अड़ाकर बंधक बना लिया। फिर डराने के लिए नकली इंजेक्शन लगाया।

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इस दौरान उन्होंने लाल सलाम कहते हुए कहा कि हल्ला किया तो घर को बम से उड़ा देंगे। फिलहाल इस मामले में पुलिस 3 संभावित थ्योरी पर जांच कर रही है। मामला खम्हारडीह थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के मुताबिक शंकर नगर इलाके के अनुपम नगर में डकैत कार से पहुंचे थे। कार से उतरते हुए 5 डकैत CCTV कैमरे में कैद हुए हैं। जिसमें एक महिला भी थी। पांचों डकैतों ने प्रेमा वेल्लू (71), रजनी वेल्लू (67) और मनोहर वेल्लू (70) को बंधक बनाकर डकैती की वारदात को अंजाम दिया है। यह तीनों आपस में भाई-बहन हैं, साथ रहते हैं और किसी ने शादी नहीं की है।

पहले एक आरोपी आर्मी ड्रेस में कार से उतरा और घर की ओर बढ़ा।

एक-एक कर भीतर घुसे, इशारों में एक-दूसरे को बुलाया

सीसीटीवी के मुताबिक, 2 बजकर 47 मिनट में एक सफेद रंग की रिट्ज कार वेल्लू परिवार के घर के सामने खड़ी होती है। कार में 5 लोग पहुंचे, जिनमें 4 पुरुष हैं और एक महिला थी। सभी के चेहरे ढके हुए थे।

इनमें से 2 पुरुष कमांडो ड्रेस में थे। वहीं 2 अन्य लोग काले सफेद रंग के ड्रेस में थे। इनके साथ एक महिला भी थी, जिसने भी चेहरा ढक रखा था। एक-एक करके सभी डकैत मनोहर वेल्लू के घर के भीतर घुसे, वें एक दूसरे को अंदर आने का इशारा करते गए।

इसी जर्जर घर 60 लाख के डकैती की वारदात हुई है। यह मकान काफी पुराना है। पीड़ित 10 सालों से यहां किराए से रहता है।

अंदर जाकर कहा-पुलिस में आपने शिकायत की थी, हम पहुंच गए

इस दौरान घर के भीतर मनोहर और उसकी 2 बहनें थीं। सबसे पहले कमांडो ड्रेस पहने एक डकैत ने भीतर घुसकर कहा कि आपने पुलिस में शिकायत की थी। हम लोग आ गए हैं। घर के लोगों ने शिकायत से इनकार किया। इसके बावजूद सभी डकैत एक-एक करके जबरन भीतर घुस गए।

घर के भीतर पीड़ित लोगों से पूछताछ करते क्राइम ब्रांच के अफसर।

मनोहर के मुंह में टेप बांधा, हाथ पैर भी बांधे

मनोहर और उसकी बहन को उन पर फौरन शक हो गया। पीड़ितों ने बताया कि उन्होंने विरोध किया लेकिन, डकैतों ने मनोहर के मुंह में टेप लगा दिया। फिर घर में रखें टॉवेल से हाथ पैर बांधकर जमीन में बैठा दिया। फिर उन्होंने एक बहन के मुंह में भी टेप लगाया। जबकि दूसरी बहन के मुंह को हाथों से दबाए रखा।

इस दौरान एक डकैत ने मनोहर पर पिस्टल अड़ा कर जान से मारने की धमकी दी। साथ ही कहा कि लाल सलाम गैंग से है। यदि हो-हल्ला करोगे तो घर को बम से उड़ा देंगे। जिसके बाद भाई और दोनों बहन डर गए। फिर डकैतों ने घर के दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया।

नकली इंजेक्शन बॉडी में लगाया

पीड़ित परिवार के मुताबिक, डकैतों ने वारदात के दौरान इंजेक्शन भी साथ लेकर आए थे। जिसे दोनों महिलाओं के बॉडी में लगाया। जिससे वें डर जाए कि उन्हें बेहोशी की दवा दी जा रही है। हालांकि महिलाओं को इंजेक्शन का कोई असर नहीं हुआ।

इस नकली इंजेक्शन की नीडल उनके शरीर में ही फंसी रह गई। ऊपरी प्लास्टिक के हिस्से को डकैत अपने साथ लेकर चले गए। पुलिस को शक है कि यह केवल साइकोलॉजिकल दबाव बनाने के लिए किया गया था। जिससे वें डरकर रुपए रखने का ठिकाना बता दें।

मौके पर फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम भी बुलाई गई। जिन्होंने वारदात की जगह से कई सबूत इकट्ठा किए।

गहने समेत 60 लाख लेकर भागे

बताया जा रहा है कि इस डकैती में जो 60 लाख रुपए की रकम लूटी गई है वह विधानसभा इलाके के सकरी गांव के पास पुस्तैनी जमीन बेचने से मिली थी। पैसा को उन्होंने बैंक में जमा न कर घर के दीवान के अंदर ही रख दिया था।

डकैतों ने लूट के दौरान सबसे पहले एक महिला के गले का चेन लूटा। फिर अलमारी के अंदर रखें गहनों को भी समेट लिया। इसके बाद वे लगातार रुपयों के बारे में पूछते रहे। परिवार ने टालने की कोशिश की लेकिन उन्होंने धमकियों से डरकर पैसे रखने का ठिकाना उगल दिया। फिर वें वहां से कैश लेकर फरार हो गए।

एक कमरे में बंद किया, मोबाइल साथ में ले गए

डकैतों ने भागने के दौरान सभी को कमरे में बंद कर दिया और तीनों के मोबाइल फोन भी साथ ले गए। जिससे वे तुरंत किसी से संपर्क न कर पाए। हालांकि कुछ देर बाद एक महिला पीछे के रास्ते से घर के बाहर निकली। फिर पड़ोसियों को वारदात की पूरी जानकारी दी। जिसके बाद खम्हारडीह पुलिस को सूचना मिली।

कार से एक महिला डकैत भी उतरी और घर के भीतर घुसी।

आखिर डकैती कांड के पीछे किसका हाथ? 3 संभावित थ्योरी जिस पर पुलिस कर रही है फोकस-

इस डकैती के मामले में पहली संभावित थ्योरी है कि पीड़ित परिवार को रकम जमीन बेचने के बाद मिली थी। इस जमीन की खरीद फरोख्त में जो लोग शामिल रहे वें इस बात को जानते थे कि बुजुर्गों के पास बड़ी रकम आई है। साथ ही ये तीनों बुजुर्ग घर में अकेले ही रहते हैं। जमीन लेन-देन से जुड़े हर शख्स पर पुलिस को शक है।

दूसरी थ्योरी के अनुसार पीड़ित के किसी बेहद करीबी रिश्तेदार ने डकैती करवाई है या किया है। उन्हें यह बात पता थी कि बुजुर्गों ने पैसों को बैंक में जमा न कर घर पर ही रखा हुआ है। घर पर किस जगह पर पैसे रखे गए हैं यह भी उन्हें बड़ी आसानी से पता चल गया होगा।

इसके अलावा जब एक डकैत ने महिला के गले का चेन खींचा। तो महिला ने कहा कि दर्द हो रहा है, तो डकैत ने जोर जबरदस्ती नहीं की। उन्हें छोड़ दिया। सामान्य तौर पर कोई बाहरी प्रोफेशनल क्रिमिनल चोट देने या मारपीट करने में नहीं चूकते। डकैती के दौरान परिवार को कोई भी शारीरिक नुकसान नहीं हुआ है।

तीसरी थ्योरी है कि जमीन रजिस्ट्री से पैसे मिलने की बात किसी बाहरी व्यक्ति को परिवार ने बातचीत में बताया होगा। यह बाहरी व्यक्ति घर में काम करने वाले नौकर से लेकर, अड़ोस-पड़ोस के लोग या दोस्त भी हो सकते हैं। जिन्होंने प्लानिंग के बाद डकैती की होगी।

घर के सामने के हिस्सा जर्जर होकर बुरी तरह टूट-फूट गया है।

घर के हालात देखकर अनजान व्यक्ति का डकैती करना मुश्किल

वेल्लू परिवार फिलहाल जिस मकान में रहता है वह किराए का है। घर बुरी तरह जर्जर हो चुका है। सामने का हिस्सा टूट कर नीचे गिर रहा है। अनुपम नगर जैसे हाई प्रोफाइल एरिया में कोई भी बाहरी व्यक्ति इस घर को देखकर जरा भी अंदाजा नहीं लगा सकता की घर के भीतर 60 लाख रुपए कैश होंगे।

इसके अलावा दिनदहाड़े डकैती जैसा जोखिम अपराध करना बिना भीतरी जानकारी हासिल किए संभव नहीं है।

आर्मी के रिटायर्ड मेजर थे पिता, 8 भाई-बहनों का परिवार

वेल्लू परिवार में कुल भाई-बहन है। जिनमें से 6 बहने हैं और दो भाई हैं। इनमें से दो बहनों और एक भाई ने शादी नहीं की है। यही तीनों बीते 10 सालों से इस घर में साथ में रहते थे। दोनों बहनें प्राइवेट स्कूलों में टीचर थी। जबकि भाई प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता था। परिवार मूल रूप से दक्षिण भारत का रहने वाला है। इनके पिता आर्मी के रिटायर्ड मेजर थे, जिनका देहांत हो चुका है।

भागने के रूट के CCTV कैमरे छान रही पुलिस

इस मामले की छानबीन के लिए एंटी क्राइम यूनिट की स्पेशल टीम का गठन किया गया। यह टीम डकैतों के भागने के रास्ते में मौजूद CCTV कैमरे खंगाल रही है। डकैत बिना नंबर की गाड़ी में आए थे। पुलिस ने देर रात तक करीब 100 से ज्यादा कैमरों को छाना है। जिसमें कई अहम सुराग हाथ लगे है।

डकैतों ने भागने के लिए अनुपम नगर से होकर ओवर ब्रिज की तरफ बढ़े हैं। हालांकि पुलिस अब भी डकैतों के रूट को कैमरों की मदद से फॉलो कर रही है।

क्राइम ब्रांच ASP संदीप मित्तल ने बताया कि पुलिस हर एंगल से जांच रही है।

पीड़ितों से पूछताछ की जा रही

क्राइम ब्रांच ASP संदीप मित्तल ने बताया कि ये घटना ढाई से 3 बजे के बीच की है। पुलिस को साढ़े 3 बजे सूचना मिली थी। पिस्टल जैसा हथियार भी रखे थे। पीड़ितों से पूछताछ की जा रही है। पीड़ित साउथ इंडिया के रहने वाले हैं। पुलिस बारीकी से जांच कर रही है।

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