श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह।
गुना के राघौगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह कश्मीर के आतंकवादी हमले के विरोध में शामिल हुए। उन्होंने कहा जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री आतंकवादियों से मिले हुए हैं। कांग्रेस को इनसे समर्थन वापस लेना चाहि
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कश्मीर में हुई आतंकी घटना के विरोध में गुरुवार शाम राघौगढ़ में श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई थी।
इसमें पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह ने कहा कि मैं कैमरे के सामने कह रहा हूं कि जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री आतंकवादियों से मिला हुआ है। मैं राहुल गांधी और खरगे जी से कहूंगा कि इनसे समर्थन वापस लीजिये।
ये हमारा रॉबर्ट वाड्रा जीजा जी राहुल गांधी का, कहता है कि मुसलमानों को सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने देते इसलिये आतंकवादियों ने ये हमला किया। इन दोनों का ये बचपना हम कम तक झेलेंगे। राहुल गांधी भी थोड़ा सोच समझकर बात करें। इनकी नादानियों की वजह से इस तरह की घटनाएं होती है।
मैं केमरे के सामने कह रहा हूं, पार्टी को मुझे निकालना हो आज निकाल दे। हमारी पार्टी के नेता सोच समझकर बोले नहीं तो उन्हें चुनाव में परिणाम भुगतना पड़ेंगे।
बोले- मुख्यमंत्री आतंकियों से मिला हुआ उन्होंने कहा कि चुने हुए मुख्यमंत्री का काम होता है कि वो तय करता है पुलिस कहां लगेगी और सेना कहां लगेगी। दूसरी जगह सेना लगी हुई थी। जहां हजारों की संख्या में टूरिस्ट इकट्ठे थे, वहां इन्होंने पुलिस क्यों नहीं लगाई। एक सिपाही नहीं था। इसका दोषी कौन है। आतंकवादी तो हैं ही, पर वो मिला हुआ है।
भाजपा नेता ने उनके बयान के बहाने दिग्विजय सिंह से सवाल करना शुरू कर दिया है। भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने लक्ष्मण सिंह के बयान को सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर शेयर करते हुए लिखा – “यह साहसिक बयान , कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह जी के भाई लक्ष्मण सिंह जी का है, जो उन्होंने राघौगढ़ में दिया है।
है जीतू पटवारी में हिम्मत, इस सच्चाई भरे इनके बयान पर इन पर कार्यवाही करने की? है दिग्विजय सिंह में हिम्मत, इस सच्चाई वाले बयान पर इनका विरोध करने की? गांधी परिवार को हमेशा की तरह इस बार भी आइना दिखाया है लक्ष्मण सिंह जी ने।”