नई दिल्ली/धनबाद 18 अप्रैल 2025भारतीय रेलवे के रीढ़ माने जाने वाले लोको पायलटों की कार्य स्थितियों में बीते दस वर्षों में ऐतिहासिक सुधार देखने को मिला है। बेहतर सुविधाएं, तकनीकी उन्नयन और मानव-केंद्रित योजनाओं के माध्यम से अब लोको पायलटों को न केवल कार्य करने में अधिक सहूलियत मिल रही है, बल्कि उनकी सुरक्षा और आराम का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
2014 से पहले जहां एक भी रनिंग रूम वातानुकूलित नहीं था, वहीं अब सभी रनिंग रूम को न केवल एसी सुविधा से लैस किया गया है, बल्कि उन्हें आधुनिक सुविधाओं के साथ सुसज्जित भी किया गया है।
लोको केबिनों में भी बड़ा बदलाव हुआ है। अब अर्द्ध से अधिक केबिन एर्गोनोमिक सीटों, वातानुकूलन और बेहतर नियंत्रण प्रणालियों से लैस हैं। इसके अलावा शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं को अब नए लोकोमोटिव्स में शामिल किया जा रहा है, जबकि पुराने इंजनों में इसे रेट्रोफिट किया जा रहा है।उच्च ट्रैफिक रूट्स पर नए रनिंग रूम बनाए जा रहे हैं, जिससे लोको पायलटों के कार्य घंटों में भी कमी आई है।
सुरक्षा के लिए, विशेषकर कोहरे जैसे मौसम में, लोको पायलटों को फॉग-सेफ्टी उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं, जिससे संचालन और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।रेलवे प्रशासन के इन प्रयासों को लोको पायलट समुदाय ने सराहा है और इसे एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में उठाया गया कदम बताया है।
